मोदी के हटने से पहले अडानी को 5 हवाई अड्डे, 50 साल तक मौज ही मौज

ये बताना आप की जनरल नॉलेज पर शक करना होगा कि गौतम अडानी कौन है और किसके कीरब है. लेकिन ताज़ा खबर ये है कि अडानी को देश में हवाई अड्डों के निजीकरण के लिए लगी बोली में 6 में से 5 हवाई अड्डे अडानी ग्रुप को मिल गए हैं. इस ठेके के बाद अब अडानी ग्रुप अगले 50 साल के लिए इन 5 हवाई अड्डों का संचालन करेगा. ये 5 हवाई अड्डे लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, मैंगलोर और त्रिवेंदम में हैं. अगर कोई इस करार को रद्द करेगा तो भी अडानी साहब को मोटी रकम देनी होगी.

इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक़, अडानी ग्रुप ने सभी 6 हवाई अड्डों के लिए बोली लगाई थी. लेकिन छठे हवाई अड्डे (गुवाहाटी) को बोली के लिए नहीं खोला गया.  

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एएआई) ने हवाई अड्डों के संचालन के लिए बोली लगवाई थी. अब इन पाँचों हवाई अड्डों को औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद अडानी ग्रुप को सौंप दिया जाएगा.

इन हवाई अड्डों के लिए बोली जीतने के बाद अडानी ग्रुप का विमानन उद्योग में भी प्रवेश हो गया है. ग्रुप मुंबई एयरपोर्ट में जीवीके की हिस्सेदारी खरीदने के लिए भी उसके साथ बातचीत कर रहा है. एएआई ने सफल  कंपनी का चयन ‘मंथली पर-पैसेंजर फ़ी’ के आधार पर किया है.

AAI के अधिकारियों ने बताया कि अडानी ग्रुप के द्वारा लगाई गई बोली और दूसरों के द्वारा लगाई गई बोली से कहीं ज़्यादा प्रभावी थीं. इन 6 हवाई अड्डों के संचालन के लिए 10 कंपनियों की ओर से 32 तकनीकी बोलियाँ मिली थीं.

बता दें कि पिछले साल नवंबर में सरकार ने सभी 6 एयरपोर्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के आधार पर चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. एएआई के अनुसार, पीपीपी मोड में चलाने का फ़ैसला विश्व स्तरीय सुविधाएँ देने के लिए लिया गया था.

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान गौतम अडानी की नरेंद्र मोदी से क़रीबी को लेकर ख़ूब चर्चा हुई थी. गुजरात में अडानी ग्रुप का काफ़ी बड़ा कारोबार है. लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी को अडानी ग्रुप के हवाई जहाज़ का इस्तेमाल करते देखा गया था. विपक्षी दल यह आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी सरकार के समय में गौतम अडानी का कारोबार काफ़ी तेज़ी से बढ़ा है.

124.6 फ़ीसदी बढ़ी थी संपत्ति

इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक़, 2017 में भारत के कारोबारियों में गौतम अडानी की संपत्ति सबसे तेज़ी से बढ़ी थी, तब अडानी ने रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी को भी पीछे छोड़ दिया था. अडानी की संपत्ति में 124.6 फ़ीसदी की वृद्धि हुई थी वहीं, अंबानी की संपत्ति 80 फ़ीसदी बढ़ी थी. जनवरी 2017 में अडानी की संपत्ति 4.63 अरब डॉलर थी जो दिसंबर 2017 के अंत में 10.4 अरब डॉलर हो गई थी.

कहा जाता है कि भारत के साथ-साथ इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी अडानी ग्रुप ने अपने कारोबार का काफ़ी विस्तार कर लिया है. लेकिन अडानी ग्रुप के ऑस्ट्रेलिया में कोयला खान के प्रोजेक्ट को लेकर काफ़ी विरोध हुआ था.

हाल ही में अडानी ग्रुप का फ़्रांस की बड़ी ऑइल कंपनी टोटल के साथ एक समझौता हुआ है. इस समझौते के तहत दोनों कंपनियाँ देशभर में पेट्रोल पंप खोलेंगी. दोनों कंपनियों की भारत में 10 साल के अंदर 1,500 पेट्रोल पंप खोलने की योजना है.

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