नई दिल्ली: अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन वापस ले लिया गया है. सूत्रों ने ये खबर दी है. इससे पहले सीएम अखिलेश अपने पिता एवं पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंचे. पिता-पुत्र की इस मुलाकात में वरिष्ठ सपा नेता आजम खान की अहम भूमिका मानी जा रही है. बताया जा रहा है कि उन्होंने ही पहले पिता मुलायम और फिर अखिलेश से मुलाकात कर बीचबचाव की कोशिश की. अखिलेश जिस गाड़ी से मुलायम सिंह के घर पहुंचे, उसमें भी अखिलेश के साथ आजम खान और अबु आजमी मौजूद थे.
अखिलेश ने यहां पिता के सामने सुलह के लिए अमर सिंह को पार्टी से निकालने की शर्त रखी और 12 सितंबर से पहले के हालात बहाल करने की मांग की है. दरअसल तभी से अखिलेश की चाचा शिवपाल के बीच खुली रस्साकशी शुरू हुई थी. अखिलेश यादव की इन शर्तों के बाद मुलायम सिंह ने अपने भाई एवं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को फोन कर अपने घर बुलाया है. इसके बाद मुलायम के घर थोड़ी देर बातचीत के बाद यह बैठक खत्म हो गई.
मुलायम ने कर दी भूल : सपा विधायक
सपा में जारी ताकत की इस लड़ाई में पिता मुलायम अपने बेटे अखिलेश के सामने कमजोर साबित होते दिख रहे हैं. सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह ने पार्टी दफ्तर में शनिवार 10.30 बजे संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई थी, लेकिन वह मीटिंग शुरू ही नहीं हो सकी. मुलायम सिंह जिस पार्टी को अपनी और सिर्फ अपनी पार्टी कह रहे थे, वह भी उनसे मुंह मोड़ती दिखी और पार्टी दफ्तर के आगे सन्नाटा सा ही पसरा रहा. पार्टी दफ्तर में सुरक्षा अधिकारियों को 402 लोगों की लिस्ट दी गई थी, लेकिन 12 बजे तक बमुश्किल 100 लोग ही यहां पंहुचे. उसमें भी संगठन के लोग ज्यादा थे, विधायक और प्रत्याशी कम. बैठक के लिए पार्टी दफ्तर पहुंचने वालों में महज 18 मंत्री और विधायक, तो करीब 60 से ज्यादा प्रत्याशी शामिल थे. यहां देखने वाली बात यह है कि मुलायम द्वारा घोषित 395 प्रत्याशियों में से एक चौथाई भी मुलायम का साथ नहीं दिखे. वहीं अब तक जो विधायक और प्रत्याशी पार्टी दफ्तर पंहुचे भी, उनमें से ज्यादातर मुलायम सिंह को ही नसीहत देते दिखे. मुलायम कैंप के ऐसे ही एक विधायक बाबू खान का कहना है कि मुलायम सिंह ने भूल कर दी.
अखिलेश बोले- विधानसभा जीत कर पिता मुलायम को देंगे गिफ्ट
इससे पहले सीएम आवास पर अपने समर्थक विधायकों के साथ मीटिंग कर रहे अखिलेश ने बेहद भावुक अंदाज में कहा कि वह अपने पिता से अलग नहीं है. अब वह पिता मुलायम सिंह को विधानसभा जीत कर गिफ्ट देंगे. सीएम आवास पर हुई इस बैठक में शामिल होने के लिए सपा से निष्कासित रामगोपाल यादव और धर्मेंद्र यादव भी पहुंचे. वहीं अखिलेश समर्थकों ने इस बैठक में 220 एमएलए व एमएससी के पहुंचने का दावा किया. इस बैठक में शामिल विधायकों से हस्ताक्षर लिए गए और उनके मोबाइल फोन बाहर ही रख लिए गए.
इस बीच रामगोपाल यादव ने रविवार 1 जनवरी को लखनऊ स्थित आरएमएल लॉ यूनिवर्सिटी में सपा कार्यकर्ताओं की जो आपात बैठक बुलाई थी, उसमें शनिवार को अचानक बदलाव किया गया. बदले हुए कार्यक्रम के तहत अब यह बैठक जनेश्वर मिश्र पार्क में होगी, जो कि काफी बड़े आकार का है.