मुस्लिम लड़कियों की शादी में जाएगा 51000 का लिफाफा, मोदी सरकार देगी शगुन

नई दिल्ली : जो कल तक धार्मिक तुष्टिकरण था वो अब जन कल्याण बनने वाला है. जो भी हो कदम अच्छा है. जो मुस्लिम लड़कियां शादी के पहले ग्रेज्युएशन कर लेंगी उन्हें अब मोदी सरकार की तरफ से 51000 रुपये का शादी शगुन मिलेगा. ये प्रस्ताव मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउण्डेशन द्वारा लाया गया था जिसे अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने पास कर दिया है.

इस स्कीम का उद्देश्य मुस्लिम लड़कियों में उच्च शिक्षा के स्तर को बढ़ाना है. जो छात्राएं मौलाना आज़ाद फाउण्डेशन द्वारा बेगम हज़रत महल स्कॉलरशिप ले रही हैं वो इसके लिए आवेदन कर सकती हैं.

अल्पसंख्यक लड़कियों को स्कॉलरशिप देने वाले स्कीम की शुरुआत वाजपेयी सरकार ने 2003 में की थी, लेकिन उस समय तक सिर्फ बारहवीं कक्षा तक के ही अल्पसंख्यक लड़कियों को वज़ीफा दिया जाता था. इस प्रस्ताव को जुलाई में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को भेजा गया था.

मौलान आज़ाद फाउण्डेशन के कोषाध्यक्ष शाकिर हुसैन अंसारी ने कहा कि अभी तक मुस्लिम लड़कियों के माता-पिता इस असमंजस में होते थे कि वे अपनी लड़कियों को आगे पढ़ाएं या कि उसी पैसे से वो उनकी शादी कर दें.

फाउण्डेशन अब शादी शगुन के नाम से एक वेब पोर्टल बनाने पर विचार कर रहा है जिस पर इस स्कीम से जुड़ी हुई सारी जानकारियां उपलब्ध रहेंगी.

शादी शगुन अभी तक 6 अल्पसंख्यक वर्ग की मेधावी छात्राओं को बेगम हज़रत महल स्कॉलरशिप दी जाती है. शादी शगुन इस स्कॉलरशिप के अलावा मुस्लिम लड़कियों को दी जायेगी.

हालांकि जिन छात्राओं के मां बाप की आय 2 लाख सालाना से ज़्यादा है उन्हें इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा. इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य है कि मां बाप शादी के बजाय लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान दें.