आज फिर आएगी 37 बिल्डरों की लिस्ट, ऑडिट फंसे हैं नोएडा और ग्रेनो के बिल्डर

नई दिल्ली: नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डरों की पैसे की हेराफेरी पर शिकंजा कसना शुरू करदिया है. कल आई ऑडिट रिपोर्ट में 11 बिल्डरों एक प्रोजेक्ट का पैसा दूसरे प्रोजेक्ट में लगाने का खुलासा हुआ था इसके बाद आज 37 के करीब और बिल्डरों के नाम सामने आ सकते हैं. यूपी सरकार के निर्देश पर नोएडा अथॉरिटी ने ये ऑडिट करवाया था. ऑडिट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ था.

14 बिल्डरों की ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि 11 प्रॉजेक्ट्स में करीब 4000 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई है. बिल्डरों के अकाउंट ऑडिट से पता चला है कि उन्होंने हजारों बायर्स के पैसे का इस्तेमाल संबंधित प्रॉजेक्ट में नहीं किया, बल्कि उन्होंने वह पैसा पर्सनल अकाउंट व अन्य खातों में ट्रांसफर कर लिया. इससे बिल्डर न तो प्रॉजेक्ट पूरे कर पाए और न नोएडा अथॉरिटी का बकाया दे पाए.

ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर रविवार को नोएडा अथॉरिटी ने 11 बिल्डरों को नोटिस जारी कर हफ्ते भर में जवाब मांगा है. इन बिल्डरों में लॉजिक्स, यूनिटेक, रेड फोर्ट, थ्रीसी, ग्रेनाइट, गार्डेनिया, ओमैक्स, पेब्बलेस प्रॉलीज भी हैं. बिल्डरों की मनमानी की वजह से हजारों बायर्स को कई साल के इंतजार के बाद भी फ्लैट नहीं मिल सके हैं. खरीदार बिल्डरों के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर रहे हैं.

ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा के बाद नोएडा अथॉरिटी ने बिल्डरों की फंडिग के हिसाब-किताब में जो गड़बड़ी पकड़ी है, उसके मुताबिक प्रॉजेक्टों के लिए बायर्स से लिए गए पैसे और उन पर किए गए खर्च में करीब 4 हजार करोड़ का अंतर है. बिल्डरों को भेजे नोटिस के तहत उन्हें बताना होगा कि यह डिफरेंस (4000 करोड़ रुपये) कहां खर्च किया. नोएडा अथॉरिटी को 2 फरवरी को संबंधित एजेंसी ने ऑडिट रिपोर्ट सौंप दी थी.