जेटली ने लगा दिया टॉयलेट जाने पर भी जीएसटी !!!


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नई दिल्ली: जीएसटी आया तो देश में बवाल मच गया. हर शख्स के महीने के खर्च पर इसका बुरा असर पड़ा. जो कभी टेक्स नहीं देते थे वो गरीब भी टैक्स की चपेट में आ गए. छोटे से छोटा व्यक्ति किसी न किसी तरह से जीएसटी चुका रहा है. लेकिन ये मामला सुनकर हो सकता है आप मुंह पर हाथ रख लें. लघुशंका के लिए जाने पर अब आपको जीएसटी का भुगतान करना पड़ सकता है.

इतना ही नहीं पहले दिल्ली के रेस्त्रां में इमरजेंसी में महिलाएं घुस जाया करती थीं लेकिन अब दिल्ली की बीजेपी वाली सरकार ने महिलाओं के टॉयलेट इस्तेमाल करने पर 5 रुपये वसूलने का अधिकार दे दिया है. ईस्ट और साऊथ एमसीडी इस फैसले को लागू भी कर चुकी हैं. इस पर तुर्रा ये कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत ये कार्रवाई की जा रही है.

वापस लौटते हैं जीएसटी वाले बिल पर. रुकमनी अम्मल फूड्स रेस्ट्रां में एक आदमी को बाथरूम जाना महंगा पड़ गया. बाथरूम जाने के लिए टॉयलेट का बिल दिया गया. जिसमें बिल नंबर के साथ पार्सल चार्ज, SGST और CGST भी लगाया गया. कुल 11 रुपए का बिल बनाया गया.

 

जीएसटी तक तो ठीक था, लेकिन पार्सल चार्ज?

ये तो बड़ी ही अजीब बात है. इस बिल के साथ-साथ एक नई बहस शुरू हो गई है कि आखिर बाथरूम जाने के लिए भी अगर जीएसटी देना पड़ा तो फिर स्वच्छ भारत अभियान के चलते बनाए जा रहे शौचालयों का क्या होगा? गरीब आदमी तो फिर खेतों में ही जाएगा. ये वो बात नहीं कि जन सुविधा केंद्र में 5 रुपए दे दिए और काम हो गया.

खुद ही सोचिए मार्केट में घंटो घूमने के बाद अगर किसी को बाथरूम जाना पड़ा तो उसे जीएसटी के साथ पार्सल बिल देकर किसी रेस्त्रां में बाथरूम का इस्तेमाल करना होगा. ये शायद रेस्त्रां का नया तरीका था कि वो अपने यहां आने वाले लोगों को फ्री का बाथरूम इस्तेमाल करने से रोक सके, लेकिन इसके लिए वो ये नियम लगा सकते थे कि जो यहां से कुछ खरीदेगा उसे ही बाथरूम का इस्तेमाल करने को दिया जाएगा, ऐसा नियम कई जगह होता है.

बाथरूम सर्विसेज के लिए अगर जीएसटी को लागू कर दिया गया तो जरा सोचिए सार्वजनिक सुविधा केंद्र पर दो और पांच रुपए की रसीद के साथ भी जीएसटी देना होगा. तब तो स्वच्छ भारत का सपना सिर्फ सपना ही रह जाएगा. जो भी हो जेटली का जीएसटी उन्हें अमर बनाता जा रहा है. सदियों तक उनके चुटकुले देश सुनेगा.