दिल्ली में बड़ी संख्या में घोड़ों का कत्ल, केजरीवाल सरकार कर रही है दिन रात काम


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नई दिल्ली : ग्लेंडर्स नामक संक्रमण से संक्रमित सभी घोड़ों को जहर देकर दफना दिया गया है. बुधवार को पशुपालन विभाग की टीम ने राजा गार्डन स्थित संजय गांधी पशु चिकित्सालय के पीछे जेसीबी से गड्ढा खोद कर इन्हें दफना दिया गया. उधर, बाकी घोड़ों के ब्लड सैंपल लेने का सिलसिला जारी है. विभाग के अनुसार, पिछले चार दिन में 700 से ज्यादा सैंपल हरियाणा के हिसार स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजे गए हैं.

रिपोर्ट आने के बाद विभाग अग्रिम कार्रवाई करेगा. इन घोड़ों को मारने के लिए दिनभर टीमें योजना बनाने में लगी रहीं. दोपहर बाद करीब चार घंटे तक चले ऑपरेशन में इन्हें मारा गया. पशुपालन विभाग के निदेशक डा. जितेंद्र गौड़ ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि ग्लेंडर्स संक्रमण काफी जानलेवा होता है. इंसानों को भी इससे खतरा रहता है. चूंकि इसका कोई इलाज नहीं है. पशुओं में यह संक्रमण मिलने पर उन्हें मार देना ही एकमात्र विकल्प बचता है.

परेड में इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं
विभागीय सूत्रों से गणतंत्र दिवस को लेकर भी बड़ी खबर मिली है. बताया जा रहा है कि संक्रमण को लेकर दिल्ली पुलिस और बीएसएफ को क्लीन चिट दी गई है. 26 जनवरी को होने वाली परेड में घोड़ों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगेगा.

 पशुपालन विभाग ने साधी चुप्पी
यूं तो दिल्ली में ग्लेंडर्स पहली बार सामने आया है. इंसानों में फैलने वाले इस जानलेवा संक्रमण का राजधानी में प्रवेश कैसे हुआ? घोड़ों में यह संक्रमण कहां से आया? कौन सा घोड़ा सबसे पहले संक्रमित हुआ था? संजय गांधी अस्पताल में यह घोड़े कहां से आए? इन सभी सवाल पर पशुपालन विभाग ने चुप्पी साध ली है. बहरहाल, घोड़ों के संक्रमण पर विभाग ने यूपी और हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया है.