शिमला में प्रकृति ने मचाया कहर,हिमाचल-उत्तराखंड में दिखा भारी तबाही का मंज़र

उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मौसम की क्रियात्मकता ने अब तक कई कठिनाईयों का सामना किया है, जो भारी बारिश और भूस्खलन के साथ आई है। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कृष्णा नगर एरिया में हुए भूस्खलन के परिणामस्वरूप कई घरों का नाश हो गया है। इससे कई लोग गिरफ्त में आ गए हैं और कुछ की जान को भी खतरा हो सकता है। आधी मार्गशीर्ष में, यहाँ तक कि अब तक 2 लोगों की मौके पर मौत हो चुकी है।

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक 66 लोगों की मौत हो चुकी है, और कई इलाकों में मकानों के ढहने के कारण लोग घायल हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन और राहतकार्यों की टीमें जोड़कर अब भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और मलबे से शवों को निकालने की कठिनाईयों का सामना कर रही हैं।

दिल्ली में भी यमुना नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है, जिससे निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। यह पिछले कुछ सालों में दिल्ली के लिए एक अधिकतम चिंता का विषय बन गया है।

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण स्थानीय प्रशासन ने विविध सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए सभी स्कूलों और कॉलेजों को 16 अगस्त तक बंद रखने का आदेश जारी किया है। इसका मकसद छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

मौसम विभाग के अनुसार, आगामी पांच दिनों में उत्तराखंड में और भारी बारिश की संभावना है। इसका अलर्ट जारी करते हुए, लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षा के उपायों का पालन करने की सलाह दी जा रही है। यही नहीं, इन दिनों कई राज्यों में अचानक बदलते मौसम के चलते सुरक्षा का प्रयास जारी है।

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