अब मोदी शाह तय कर सकेंगे चुनाव आयोग का मुखिया, सरकार कानून लाई. चुनावों की निष्पक्षता भूल जाओ

राज्यसभा में सरकार ने चुनाव आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा की शर्तें, और कार्यकाल के नियमों पर आधारित एक विधेयक प्रस्तुत किया है। इस विधेयक में, चुनाव आयोग में शीर्ष पदों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री द्वारा अध्यक्षता की जाने वाली एक तीन सदस्यीय समिति की बनाने की प्रावधानिकता है, जिसमें लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता और एक नामित कैबिनेट मंत्री भी शामिल होंगे।

यह विधेयक उपस्थित होने का मौका तब मिला, जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उल्लंघन दिखाते हुए कहा था कि शीर्ष पदों की नियुक्ति के लिए एक समिति की गठा में प्रधानमंत्री, लोकसभा के विपक्षी नेता, और मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे। लेकिन इस नये विधेयक में, चीफ जस्टिस की शामिलता की जरूरत नहीं है। विपक्ष ने आचानक इस विधेयक को संविधान विरोधी घोषित किया है। कांग्रेस ने इसे एक प्रयास माना है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह चुनाव आयोग को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके माध्यम से बताया है कि यह नया प्रावधान चुनावों की निष्पक्षता पर असर डाल सकता है।

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