
राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने महिला आरक्षण बिल पर सरकार को घेर लिया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि जब सभी पार्टियां इस बिल के समर्थन में थीं, तो फिर 10 साल तक इंतजार क्यों किया गया। सिब्बल का कहना है कि ऐसा 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर किया गया है। इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि बुधवार को महिला आरक्षण बिल को संसद में पेश किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया कि कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है, लेकिन उन्होंने फिर इस पोस्ट को डिलीट कर दिया। हालांकि, सोमवार शाम तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है कि कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूर किया है, लेकिन यह बात चर्चा में है।
सिब्बल ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘महिला आरक्षण बिल: हैरानी हो रही है कि पीएम मोदी ने इस बिल को पेश करने में 10 साल इंतजार क्यों किया, जबकि सभी पार्टियां इसके समर्थन में थीं? शायद 2024 इसकी वजह है. लेकिन अगर सरकार ओबीसी महिलाओं को कोटा मुहैया नहीं कराती है, तो बीजेपी 2024 में यूपी में भी हार सकती है। जरा इस बारे में सोचिएगा!’
महिला आरक्षण बिल एक महत्वपूर्ण संविधान संशोधन है, जिसका उद्देश्य भारत में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण प्रदान करना है। यह बिल पहली बार 1996 में पेश किया गया था, लेकिन अब तक पारित नहीं हुआ है। इसका मकसद महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना है और महिलाओं को राजनीति में अधिक प्रभावी भूमिका निभाने का मौका प्रदान करना है।
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