कला से साधना के लक्ष्य पाना मुमकिन है, अंश फाउंडेशन का वैबिनार

कला सिर्फ शौक या मनोरंजन  नहीं बल्कि एक साथना है. मन आंखें और शरीरो को एकाकार होना पडता है. वहां से कला निकलती है. दिमाग का कन्सन्ट्रेशन बढता है . लक्ष्य के प्रति समर्पण बढता है. तनाव और थकान कम होती है और कला आप को प्रसिद्धि देती है और पैसे भी.

ये विचार जाने माने मूर्ति कला के हस्ताक्षर और आर्ट प्रोजेक्ट के डायरेक्टर कपिल कपूर ने एक वेबिनार में दी. अंश फाउंडेशन के बेविनार में कपूर ने कहा कि कलाकार मानसिक और शारीरिक रूप से वो सब हासिल कर सकता है जो एक साधक करता है.

वैबिनार का आयोजन अंजली गुप्ता और अंश फाउंडेशन करते हैं पूरे लॉकडाउन के दौरान इस संस्था ने बेहद उपयोगी आयोजन किए. हैं.

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