इस मामले में राहुल गांधी हैं RSS के मुरीद, कार्यकर्ताओं को कहा गुरु बना लो

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बीजेपी और आरएसएस से सीखने की नसीहत दी है. राहुल गांधी का यह बयान रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के दौरान सामने आया है. इस बीच राहुल गांधी ने आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए रणनीति बनाने पर भी जोर दिया.

 

उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल मिलकर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराएंगे, लेकिन इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने भाषण में बीजेपी और आरएसएस की कार्यप्रणाली की बात कर पार्टी के नेताओं को इनसे सीखने की नसीहत भी दे डाली.

 

दिलचस्प बात यह है कि CWC की बैठक में दिए गए राहुल के करीब 17 मिनट के भाषण को पार्टी की तरफ से यूट्यूब पर अपलोड किया गया, लेकिन कुछ मिनटों में ही हटा लिया गया. इसके बाद से सवाल उठ रहे हैं कि पार्टी ने राहुल का भाषण यूट्यूब से क्यों हटा लिया? आखिर राहुल गांधी ने अपने भाषण में क्या कह दिया, जो वीडियो को यूट्यूब से हटाना पड़ा? बहरहाल, हम आपको बताते हैं कि राहुल ने CWC की बैठक में बीजेपी-आरएसएस को लेकर क्या कहा?

 

सूत्रों के मुताबिक राहुल ने CWC की बैठक में आए 200 से ज्यादा पार्टी नेताओं से कहा कि हम कठिन मोर्चे पर काम करने से कतराते हैं. राहुल ने आदिवासी समुदाय का उदाहरण देते हुए कहा कि दशक भर पहले तक यह समुदाय कांग्रेस का वोटर था, लेकिन बीजेपी और आरएसएस के लोग आदिवासियों के बीच गए, उनके साथ काम किया, उन्हें समझाया और आज वो बीजेपी को वोट देते हैं.

 

दरअसल, इस उदाहरण के जरिए राहुल का उद्देश्य बीजेपी व आरएसएस द्वारा किए जाने वाले परिश्रम को उजागर करना था और कांग्रेस नेताओं को बताना था कि वो भी इसी तरह कठिन परिश्रम करने से न हिचकिचाएं. राहुल गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस के लोग महज आदिवासियों के बीच चले भर जाएं, तो दुबारा से ये समुदाय कांग्रेस की तरफ लौट सकता है.

 

एक अन्य पार्टी सूत्र ने बताया कि समापन भाषण में राहुल गांधी ने कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की जब सरकार बनती है, तो वो अपने कार्यकर्ताओं को ‘इनसेंटिव’ देती है, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता की अपनी सरकार में कोई पूछ नहीं होती. लिहाजा वो (राहुल गांधी) जहां भी जाते हैं, कांग्रेस कार्यकर्ता उनसे उपेक्षा की शिकायत करते हैं. CWC की बैठक में यह दूसरा बिंदु था, जब राहुल ने बीजेपी और संघ का उदाहरण देकर कांग्रेस नेताओं को नसीहत दी.

 

कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी की सरकार बनने पर वो आरएसएस से जुड़ी संस्थाओं जैसे – सरस्वती शिशु मंदिर आदि की मदद करती है. उन्होंने कहा कि चुनौती सिर्फ सरकार बदलने भर की नहीं है, बल्कि बीजेपी सरकार में जिस तरह संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया गया है, उसे भी दुरुस्त करने की है. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी हजारों साल पहले के इतिहास की बात करती है, जबकि कांग्रेस भविष्य की बात करती है.

 

राहुल गांधी ने राफेल विमान का मुद्दा उठाकर एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान हुई बहस का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे आंख नहीं मिला पाए. इसके अलावा राहुल गांधी ने गठबंधन पर विस्तार से बात की और कहा कि बिहार, यूपी, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में ठीक से गठबंधन हो जाए, तो बीजेपी को आराम से रोका जा सकता है.

 

उन्होंने नेताओं को बयानों में सावधानी बरतने की भी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में बोलने की पूरी स्वतंत्रता है, लेकिन पार्टी फिलहाल एक कठिन लड़ाई लड़ रही है. उनकी लड़ाई को अगर कोई कमजोर करेगा, तो वो उसे नहीं बख्शेंगे. माना जा रहा है कि उनका इशारा शशि थरूर की तरफ था.

 

हालांकि वीडियो को हटाए जाने को लेकर कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि आंतरिक बैठकों खासतौर पर CWC की बैठक के भाषणों को सर्वजनिक नहीं किया जाता. इसलिए गलती से अपलोड होने के तत्काल बाद इसे हटा दिया गया. एक उच्च सूत्र ने यह भी कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से वीडियो ऑफलाइन हो गया है. सोमवार सुबह दोबारा शेयर कर दिया जाएगा, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नसीहत का पालन करेंगे?

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