मोदी शासन में विश्वगुरु बनने की राह में पहले प्रेस फ्रीडम इंडेक्स और ग्लोबल हंगर इंडेक्स में झंडे गाड़ने के
• दुनिया का poverty capital या गरीबी की राजधानी बन गया है।
• Business Insider Africa में छपी खबर के मुताबिक अब तक अफ्रीकी देश नाइजीरिया को दुनिया का poverty capital माना जाता था जहां सबसे ज्यादा गरीबों की संख्या थी।
• World Poverty Clock के नए आंकड़ों से पता चला है कि भारत ने नाइजीरिया को पीछे छोड़ दिया है।
• नए आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब 2022 में संयुक्त राष्ट्र की अनुमानित गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 8.3 करोड़ लोग हैं।
• दुनिया की गरीब जनता का सबसे ज्यादा हिस्सा, 12.2 फीसदी भाग भारत और 12.2 फीसदी नाइजीरिया में है।
• लेकिन नाइजीरिया में 8,30,05,482 गरीबी रेखा के नीचे हैं जबकि भारत में यह संख्या 8,30,68,597 है।
• भारत में दो सैकेन्ड में पांच लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर लाने की जरूरत है जबकि ये रफ्तार सिर्फ 1 व्यक्ति प्रति सैकेन्ड है. यानी गरीबी को काबू करने की कोई सूरत दूरदूर तक दिखाई नही देती
• साल 2020 की State of Food Security and Nutrition in the World की रिपोर्ट के अनुसार भारत में उस समय 18.92 करोड़ लोग कुपोषित थे।
• साल 2021 में Global Hunger Index की रिपोर्ट में भारत के 27.5 अंक हैं जो कि बहुत ही खराब स्थिति को दर्शाती है।
• Centre for Science and Environment (CSE) और Down To Earth पत्रिका द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट कहती है कि 10 में से 7 भारतीय पौष्टिक आहार का खर्च नहीं उठा पाते हैं।
• एक ओर भुखमरी, दूसरी ओर सरकारी गोदामों में सड़ रहा 10.4 करोड़ टन अनाज
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