खालिस्तानी अटवाल को वीज़ा देकर फंसे राजनाथ, सफाई पर सफाई का दौर जारी


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मुंबई : भारत आए कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के स्पेशल डिनर में खालिस्तान समर्थक रहे जसपाल अटवाल को न्योता दिए जाने पर विवाद के बीच गृह मंत्रालय ने भी सफाई दी. एक सीनियर अफसर ने कहा कि अटवाल का नाम फिलहाल ब्लैकलिस्ट में नहीं है और इसी का फायदा उठाकर वह भारत आ पाया.

शायद इसीलिए कनाडा के हाई कमीश्न ने गुरुवार को पीएम ट्रूडो के लिए दिल्ली में रखे गए डिनर के लिए न्योता भेजा है. हालांकि, कनाडा के पीएमओ ने सफाई में कहा कि अटवाल ट्रूडो के साथ गए डेलिगेशन में शामिल नहीं है. उसका इन्विटेशन भी कैंसिल कर दिया गया है. वहीं, मुंबई के प्रोग्राम में अटवाल के आने पर ट्रूडो ने कहा, ”खालिस्तान समर्थक को न्योता नहीं दिया जाना चाहिए.

पार्लियामेंट के एक मेंबर ने उसे पर्सनली बुलाया था.” बता दें कि अटवाल 32 साल पहले पंजाब के एक मंत्री पर जानलेवा हमला करने का दोषी है और कनाडा की राजनीति में सक्रिय है.

150 लोगों के नाम ब्लैकलिस्ट से हटाए गए थे

+> न्यूज एजेंसी के मुताबिक, गृह मंत्रालय के अफसर ने कहा कि पंजाब सरकार और एजेंसियों से सलाह लेकर केंद्र खालिस्तान सपोर्टर्स की ब्लैकलिस्ट का समय+>समय पर रिव्यू करता है. फिलहाल, जसपाल अटवाल इस लिस्ट में नहीं है. पिछले कुछ सालों में ऐसे 150 लोगों के नाम लिस्ट से हटाए गए हैं, जो कभी हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे थे.

+> माना जाता है कि ब्लैकलिस्ट से हटाए गए कई लोग पाकिस्तान, अमेरिका, कनाडा, नार्वे, फ्रांस और जर्मनी में रह रहे हैं. अब वो दुनिया के किसी भी देश में पूरी आजादी के साथ ट्रैवल कर सकते हैं. यहां तक कि दोबारा भारत भी आ सकते हैं और अटवाल भी इसी के चलते भारत आ पाया है. शायद इसीलिए कनाडा के हाई कमिश्नर नादिर पटेल ने उसे जस्टिन ट्रूडो के डिनर में बुलाया था.

कनाडा की ओर से क्या सफाई दी गई?

+> जसपाल को स्पेशल डिनर में बुलाने के विवाद पर कनाडा के हाई कमीशन ने कहा, “हमने जसपाल का इन्विटेशन रद्द कर दिया है. पीएम (ट्रूडो) की सिक्युरिटी को देखते हुए हम इस पर अभी कमेंट नहीं कर सकते.”

+> कनाडा के पीएमओ ने कहा, “यह साफ कर देना अहम है कि वह (अटवाल) पीएम (ट्रूडो) के ऑफिशियल डेलिगेशन का हिस्सा नहीं था, न ही उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय ने इन्वाइट किया था.”

ट्रूडो ने इस मामले में क्या कहा?

+> जसपाल को डिनर पर इन्वाइट किए जाने के मामले में न्यूज एजेंसी ने ट्रूडो से सवाल किया, लेकिन उन्होंने कोई भी कमेंट करने से इनकार कर दिया.

+> इसके बाद एक प्रोग्राम में ट्रूडो ने कहा, “हमने इस मसले को गंभीरता से लिया है. उसे कोई भी न्योता नहीं दिया चाहिए था. जैसे ही हमें इसकी जानकारी मिली, इन्विटेशन कैंसल कर दिया. पार्लियामेंट के एक मेंबर ने उसे पर्सनली बुलाया था.”

जसपाल को वीजा दिए जाने की जांच करेंगे: विदेश मंत्रालय

+> विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ”यहां अटवाल का शामिल होना और वीजा दो पहलू हैं. कनाडा सरकार इस मामले पर सफाई दे चुकी है. वे इन्विटेशन वापस ले चुके हैं. जहां तक वीजा देने की बात है, इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं है. हम कनाडा के हाईकमीशन से डिटेल लेंगे.”

किस किस के साथ दिखा अटवाल?

+> ट्रूडो मंगलवार को मुंबई गए थे. एक फोटो में अटवाल यहां ट्रूडो की पत्नी सोफिया के साथ नजर आया. एक अन्य फोटो में वह ट्रूडो के मंत्री अमरजीत सोही के साथ भी दिखाई दिया.

+> बता दें कि ट्रूडो एक हफ्ते के भारत दौरे पर आए हैं. गुरुवार को उनके दौरे का छठा दिन है. दिल्ली में स्पेशल डिनर के बाद वो 23 फरवरी को नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे.

गलती की जो कैनेडियन का बैकग्राउंड चेक नहीं किया: स्वामी

+> अटवाल को डिनर में इन्वाइट किए जाने पर बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, “हमारी बेवकूफी थी हमने बैकग्राउंड चेक नहीं किया और कैनेडियंस जो कहते हैं कि हम खालिस्तानियों को सपोर्ट नहीं करते, उन्होंने उनको कैसे अलाऊ किया?”

ट्रूडो को भावनाओं का सम्मान करना चाहिए: कांग्रेस सांसद

+> गुरुदासपुर से कांग्रेस सांसद सुनील जाखड़ ने कहा, “कनाडा के पीएम को भारत सरकार, खासतौर पर पंजाब के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए. वे देश के मुखिया हैं. उन्होंने कहा था कि कनाडा किसी भी तरह से आतंकवाद का समर्थन नहीं करता है.”

कौन है जसपाल अटवाल?

+> जसपाल अटवाल खालिस्तान समर्थक रहा है. वह बैन किए गए इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन में काम करता था.

+> इस संगठन को 1980 के दशक की शुरुआत में कनाडा सरकार ने आतंकी संगठन घोषित किया था.

+> अटवाल को पंजाब के पूर्व मंत्री मलकीत सिंह सिद्धू और तीन अन्य लोगों को 1986 में वैंकूवर आईलैंड में जानलेवा हमला करने के केस में दोषी ठहराया गया था.

+> जसपाल उन चारों लोगों में शामिल था, जिन्होंने सिद्धू की कार पर घात लगाकर हमला किया था और गोलियां चलाई थीं. हालांकि, सिद्धू ने आरोपों से इनकार किया था.

+> इसके अलावा अटवाल को 1985 में एक ऑटोमोबाइल फ्रॉड केस में भी दोषी पाया गया था.

क्या ट्रूडो भी खालिस्तान सपोर्टर हैं?

+> बता दें कि ट्रूडो पर पहले भी खालिस्तान समर्थक होने के आरोप लगते रहे हैं.

+> पिछले साल कनाडा के रक्षा मंत्री सज्जन भी भारत दौरे पर आए थे. उस वक्त पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उन पर खालिस्तान से सहानुभूति रखने का आरोप लगाते हुए मिलने से इनकार कर दिया था. हालांकि, बुधवार को अमरिंदर ने ट्रूडो से मुलाकात की थी.

+> दोनों नेताओं के बीच होटल में 40 मिनट तक बातचीत भी हुई. बताया जा रहा है कि इस दौरान अमरिंदर सिंह ने ट्रूडो को खालिस्तान समर्थक 9 आतंकियों की लिस्ट सौंपी और उन पर कार्रवाई करने की मांग की.

क्या है खालिस्तान का विवाद?

+> पंजाब में कुछ लोगों ने 1980 के दशक में खालिस्तान नाम से अलग देश बनाने की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने भारत विरोधी हिंसक आंदोलन किए. 1984 में भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में घुसकर वहां छिपे खालिस्तान सपोर्टर्स पर कार्रवाई की. इसके बाद धीरे+>धीरे यह आंदोलन खत्म हो गया.

ट्रूडो ने गुरुवार को क्या किया?

+> ट्रूडो दिल्ली में हैं. वे गुरुवार सुबह परिवार के साथ यहां की जामा मस्जिद देखने पहुंचे. इसके बाद उन्होंने अपने बच्चों के साथ यहां के ग्राउंड पर क्रिकेट खेला. उनके साथ टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव और अजहरुद्दीन भी थे.