रेडियेशन फैलाने वाले मोबाइल की लिस्ट आई, आप का मॉडल कहीं टॉप पर तो नहीं

क्या आप जानते है कि आपका मोबाइल फोन किता रेडियेशन करता है. आप जो ब्रांड रखते हैं वो सेफ है या खतरनाक ? हाल ही में एक रिपोर्ट आई है जिसमें हर उस मोबाइल का नाम है जो रेडियेशन में टॉप पर है.

आपको बताते हैं कि जब आप बातचीत करते हैं तो मोबाइल हैंडसेट रेडियो तरंगों का उपयोग करता है. इन तरंगों को रिसीव करने के लिए मोबाइल फोन को एंटीना की जरूरत पड़ती है. मोबाइल फोन द्वारा जब कोई सिग्‍नल भेजा या रिसीव किया जाता है तो सिग्‍नल का लगभग 10 से 20 प्रतिशत भाग रिफलेक्‍ट हो जाता है और वातावरण में फैल जाता है. इसी को रेडिएशन कहा जाता है.

जर्मन फेडरल ऑफिस फॉर डाटा प्रोटेक्‍शन ने मोबाइल रेडिएशन से संबंधित एक लिस्‍ट बनाई है जिसमें कई नए और पुराने सेलफोन से निकलने वाले रेडिएशन की जानकारी दी गई है.

इस लिस्‍ट में सबसे ऊपर नाम वन प्‍लस का है. दूसरे नंबर पर हुवाई के सेलफोन हैं. तीसरे नंबर पर नोकिया लूमिया है और इसके बाद दसवें नंबर पर आईफोन 7, आईफोन 8 12वें नंबर पर, आईफोन 7 प्‍लस 15 नंबर पर और सोनी एक्‍सपीरिया एक्‍स जेड कॉन्‍पैक्‍ट 11वें नंबर पर, जेडटीई एक्‍सॉन 7 मिनी 13 नंबर पर, ब्‍लैकबैरी डीटीईके 60 14वें नंबर पर है.

अब हम उन स्‍मार्टफोंस पर नज़र डालते हैं जिनमें रेडिएशन काफी कम होता है. सैमसंग गैलेक्‍सी नोट 8, सैमसंग गैलेक्‍सी एस6 एज प्‍लस, गूगल प्‍लस एक्‍सएल, सैमसंग गैलेक्‍सी एस8, सैमसंग गैलेक्‍सी एस7 एज में सबसे कम रेडिएशन होती हैं.

सार वैल्‍यू स्मार्टफ़ोन की रेडिएशन के लेवल को बताता है. जितना सार वैल्‍यू कम होगा उतना ही उस मोबाइल को सुरक्षित माना जाता है. सार वैल्‍यू अलग-अलग देशों में विभिन्‍न होती है. भारत में सार वैल्‍यू 1.6 वाट प्रति किलोग्राम से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. सार वैल्‍यू को चेक करने के कई तरीके हैं. मोबाइल की स्‍पेसिफिकेशन में भी सार वैल्‍यू लिखी होती है.

अगर आप अपने स्‍मार्टफोन से सार वैल्‍यू चेक करना चाहते हैं तो अपने फोन से *#07# डायल करें. इसके बाद आपके फोन पर आपके मोबाइल की सार वैल्‍यू प्रदर्शित हो जाएगी.

अगर आप तेज रेडिएशन वाले मोबाइल का प्रयोग करते हैं तो आपकी सेहत को इससे कई नुकसान हो सकते हैं. यहां तक कि इसकी रेडिएशन से पुरुष नपुंसक तक बन सकते हैं. इसलिए कम रेडिएशन वाले स्‍मार्टफोन का ही प्रयोग करें तो बेहतर होगा वरना आप किसी बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं.

स्मार्टफ़ोन की रेडिएशन के अलावा किसी भी तरह के गैजेट से निकलने वाली रेडिएशन बहुत खतरनाक होती हैं. इसमें लैपटॉप भी शामिल हैं. इससे पहले एक आर्टिकल में हम आपको बता चुके हैं कि अगर पुरुष गोद में रखकर लैपटॉप पर काम करें तो वो नपुंसक तक बन सकते हैं.

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