महिलाओं निजी अंग में रखने वाले आनंद वर्धक कैप्सूल क्या हैं? क्यों है रोक की मांग

नई दिल्ली:  बड़ी संख्या में महिला अधिकार संगठनों ने महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में रखे जान वाले ग्लिटर कैप्स्यूल की भारत में बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है. विदेशों से आने वाले इस कैप्सूल को लोग सेक्स में ज़्यादा इंजॉय के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. जबकि ये महिलाओं के स्वास्थ्य केलिए खतरनाक है. ब्रिटेन समेत कई देशों के गाइनकॉलजिस्ट ने इससे बाज आने की सलाह दी है.

डॉक्टरों ने कहा है कि इसके इस्तेमाल से खुजली, दर्द और इन्फेक्शन को बढ़ावा मिलता है. हालांकि इसे बनाने वाली कंपनी प्रेटी वुमन इंक ने दावा किया है कि इसका इस्तेमाल बिल्कुल सुरक्षित है. प्रेटी वुमन इंक की वेबसाइट के मुताबिक पैशन डस्ट एक चमचमाने वाला कैप्सूल है जिसे प्राइवेट पार्ट में सहवास से कम से कम एक घंटा पहले डाला जाता है.

यह कैप्सूल शरीर में बनने वाले स्नेहक स्वाभाविक तरल को ज़्यादा नम और गर्म कर देता है. कैप्सूल से रेत के आकार में चमकीला ग्लिटर निकलता है. ये कैप्सूल कैंडी फ्लेवर्ड होते हैं. इनकी मांग इतनी ज्यादा हो गई है कि प्रेटी वुमन इंक की वेबसाइट पर अक्सर ये आउट ऑफ स्टॉक ही रहता है.

यह कैप्सूल जेलटीन टैबलेट की तरह होता है जो वजाइना में जाते ही घुल जाता है और उसके बाद असंख्य ग्लिटर पैदा करता है और इससे कथित रूप से फ्लेवर्ड जोश पैदा होता है.

इस कैप्सुल की मार्केटिंग में कहा जा रहा है कि एक छोटी सी गोली आपके आनंद की अनुभूति को जादुई बना देगी. हालांकि इस गोली को लेकर मेडिकल की दुनिया से जुड़े लोगों ने चेतावनी दी है. कनाडा की फिज़िशन डॉ जेन पहली शख़्स हैं जिन्होंने पहली बार महिलाओं से कहा, ”वजाइना में ग्लिटर बम नहीं डालें.”

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ”इससे ‘वजाइनल गुड बैक्टीरिया’ को नुक़सान पहुंचता है और इन्फेक्शन आशंका बढ़ जाती है. इसके साथ ही यौन संक्रमण को भी बढ़ावा मिलता है. इसे इस तरह कतई नहीं सोचना चाहिए कि ग्लिटर लिप ग्लॉस से आपके होंठ सुरक्षित हैं तो वजाइना भी सुरक्षित है. दोनों में बहुत फ़र्क है.”

डॉ जेन ने कहा, ”लिप ग्लॉस को आप हटा सकते हैं और लिप बैक्टीरिया आपके गैस्ट्रोइन्टेस्टनल (आंत) या गौनरीअ या एचआईवी को नियंत्रित नहीं कर करता है.” उन्होंने ये सारी बातें अपने ब्लॉग में लिखी हैं. डॉ जेन ने इस कैप्सूल के उन दावों की भी कड़ी निंदा की है जिसमें कहा गया है कि प्राकृतिक वजाइनल ही काफ़ी नहीं है.

डॉ जेन ने लिखा है, ”मैं वजाइनल इन्हैंसमेंट प्रॉडक्ट से नफ़रत, नफ़रत और नफ़रत करती हूं. क्यों हम अंदर और बाहर महिलाओं को शर्मिंदा करना चाहते हैं.”

द वुमन्स हेल्थ क्लिनिक की क्लिनिकल डायरेक्टर एली डिल्क्स ने कहा कि वजाइनल ग्लिटर पर्याप्त रूप से ख़तरनाक चलन है.

उन्होंने कहा, ”इससे ने केवल खुजली होगी बल्कि दर्द और गंभीर इन्फेक्शन का भी सामना करना पड़ेगा. इसके साथ ही आपके भीतर का पीएच संतुलन भी गड़बड़ होगा. महिलाओं का प्राइवेट पार्ट बेहद नाजुक होता है और इसे ठीक रखने के लिए एक छोटा साबुन और पानी की ही ज़रूरत पड़ती है.”

प्रेटी वुमन ने अपनी सफ़ाई में कहा है, ”दरअसल, आपको इसके इस्तेमाल का जोख़िम ख़ुद ही उठाना होगा. हमलोग इस बात को जानते हैं कि ग्लिटर ऐसी कोई चीज़ नहीं है जिसे वजाइना में डाला जाता है लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है इसे हम भीतर नहीं डाल सकते हैं.” (courtsay-bbc)