टाटा कंपनी ने नमक बनाना बंद किया, इस झूठी अफवाह से यूपी में नमक 400 रुपये किलो हुआ

लखनऊ. यूपी में नोटों की लाइन में लगकर घर लौटे लोग अभी ठीक से बैठे भी नहीं थे कि उन्हें नमक की लाइन में लगने के लिए घर से बाहर जाना पड़ा. पूरे यूपी में किसी ने अफवाह फैला दी कि टाटा ने नमक बनाना बंद कर दिया है. इसके बाद बाज़ार में लोग अंधाधुंध नमक खरीदने लगे. 18 रुपये किलो वाला नमक 100 से लेकर 400 रुपए किलो तक खरीद रहे हैं. इसके साथ ही कई दुकानों पर नमक भी खत्‍म हो गया. लोग दुकानों से 10 पैकेट तक नमक अपने साथ लेकर जा रहे हैं. जहां लाइनें लगती हैं वहां चर्चा भी होती है. कई लोग लाइन में भी लगे थे और ये भी कह रहे थे कि नोटों की दिक्कत से ध्यान बंटाने के लिए नमक की अफवाह फैलाई गई है.

यह अफवाह सोशल मीडिया के माध्‍यम से फैलाई गई है. इसमें यह संदेश दिया गया है कि टाटा कंपनी ने नमक बनाना बंद कर दिया है.

इस अफवाह के बाद से लोग दुकानों पर जाकर अधिक से अधिक नमक खरीद रहे हैं. इस वजह से कई दुकानों पर 100 से लेकर 400 तक बिक रहा है. मुरादाबाद के जिलाधिकारी ज़ुहैर बिन सगीर ने पुलिस को निर्देश दिए कि जो भी दुकानदार नमक की कालाबाजारी कर रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए. फैमिली बाजार में लोगों ने बंद हुए 500 रुपए के नोट के बदले नमक खरीदा.

इस मामले पर प्रमुख सचिव खाद्य आयुक्त अरविन्द सिंह देव ने बताया कि मेरी जानकारी में भी आया है कि यूपी में अचानक से नमक के दाम बढ़ गए हैं. लेकिन ऐसा कोई नियम मुझे नहीं मालूम है कि हम इसे नियंत्रित कर सकें. अगर कोई इस तरह की कालाबाजारी कर रहा है तो मैं अपने अधीनस्थ विभागीय अधिकारीयों से बात करके इस पर कारवाई करुंगा.

लखनऊ के अमीनाबाद के आदित्य अग्रवाल ने बताया कि अचानक से इलाके में नमक ख़त्म होने की अफवाह फैली.  इसके बाद हम लोग दुकानों पर पहुंचे जहां लोग लाइन में लग कर नमक खरीद रहे थे, लेकिन जब तक हमारी बारी आई तब तक नमक खत्म हो गया था.  विमल ने बताया कि बाजारखाला में 150 से 200 रुपए किलो नमक बिका है.

बहराइच के मनोज सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर चल रहे मैसेज के बाद जब वह दुकान पर पहुंचे तो वहां 75 रुपए किलो नमक मिल रहा था. हालांकि पुलिस ने बाद में दुकान को बंद करा दिया. इसी तरह लखनऊ में जनरल स्टोर चलाने वाले दुकानदार रजनीश पाण्डेय ने बताया कि यह खबर मिली थी कि टाटा कंपनी का नमक ख़त्म हो गया है. इस खबर के बाद से ग्राहकों की भीड़ लगनी शुरू हो गई. लोगों की मांग को देखते हुए पैसे बढ़ाये गए हैं.