फेसबुक और वाट्सएप पर टैक्स लगा. रोज देने होंगे 3 रुपये 36 पैसे, उतारा जाएगा देश का कर्ज


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नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर टैक्स लगाने की बातें अबतक सिर्फ सोशल मीडिया पर चुटकुलों के तौर पर कही जाती थीं. लेकिन ये चुटकुला अब सच हो गया है. युगांडा की संसद ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों पर टैक्स लगाने के कानून को मंजूरी दे दी है. इस कानून के तहत जो लोग भी फेसबुक, व्हॉट्सऐप, वाइबर और ट्विटर जैसे सोशल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें हर दिन के हिसाब से करीब 3 रुपये 36 पैसे देने होंगे.

राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी ने इस कानून का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून इसलिए लागू किया जा रहा है ताकि सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोका जा सके. यह कानून 1 जुलाई से लागू हो गया है लेकिन इसे किस तरह से लागू किया जाएगा, इस बात को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है. नई एक्साइज ड्यूटी बिल में कई और तरह के टैक्स भी हैं जिसमें कुल मोबाइल मनी ट्रांजेक्शन में अलग से एक फीसदी का टैक्स देना होगा.

ऐसा माना जा रहा है कि इस तरह के टैक्स की वजह से युगांडा का ग़रीब वर्ग बुरी तरह से प्रभावित होगा.  युगांडा के वित्त मंत्री डेविड बहाटी ने संसद में कहा कि यह बढ़े हुए टैक्स युगांडा के राष्ट्रीय कर्ज़ को कम करने के लिए लगाए गए हैं.

हालांकि विशेषज्ञों और कुछ इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स ने सोशल मीडिया पर लगाए जाने वाले रोजाना के इस टैक्स पर संदेह जताया है और इसे लागू कैसे किया जाएगा, इस पर सवाल उठाए हैं. युगांडा की सरकार मोबाइल सिम कार्ड्स के रजिस्ट्रेशन के मुद्दे पर जूझ रही है. रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, देश में 2.3 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स हैं जिनमें से केवल 1.7 करोड़ ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.

हालांकि अब तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि अधिकारी ये कैसे पता करेंगे कि कौन सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है और कौन नहीं.

राष्ट्रपति मुसेवनी ने मार्च में ही इस कानून को लागू करने की वकालत शुरू कर दी थी. उन्होंने वित्त मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी थी. जिसमें उन्होंने लिखा था कि सोशल मीडिया पर टैक्स लगाना देश हित में होगा और इससे अफ़वाहों से उबरने में भी मदद मिलेगी. लेकिन उनकी ओर से जवाब में कहा गया था कि सोशल मीडिया पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि इसका इस्तेमाल शिक्षा और रिसर्च के लिए किया जाता है.

आलोचकों का कहना कि यह कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करेगा लेकिन मुसेवनी ने इन सभी कयासों को यह कहकर दरकिनार कर दिया था कि इससे लोग इंटरनेट का कम इस्तेमाल करेंगे.

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