अच्छे दिन: एक ही बैंक में जा रही हैं 35000 नौकरियां, डिजीटल इंडिया का असर


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नई दिल्ली:  पीएम मोदी ने एलान किया था कि उनकी सरकार आते ही नौकरियों की बहार आ जाएगी. जाहिर बात है अच्छे दिनों का ये संकेत था. लेकिन नौकरियों के फ्रंट पर एक के बाद एक बुरी खबरें आ रही हैं. अंबानी की कंपनी जियो को अंधाधुंध मुफ्त में सेवाएं देने का नतीजा ये हुआ कि अकेले वोडाफोन और आईडिया के मर्जर से 17 हज़ार लोगों को बेकार होने के हालात बन गए. अब एक और बुरी खबर आई हैत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) करीब 10 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करेगी. ये संख्या एक अनुमान के मुताबिक 27 हजार के आस-पास बताई जा रही है.

इसके अलावा रिटायर होने वाले कर्मचारियों के आधे ही भर्ती किए जाएंगे . 13 हजार कर्मचारी इस साल रिटायर होने वाले हैं और साड़े 6 हजार नौकरियां बैंक कम करने जा रहा है. कुल मिलाकर करीब 25 हजार नौकरियां स्टेट बैंक में ही अकेले चली जाएंगी. (संपादक: लेकिन इसके बावजूद इसपर शोर नहीं होगा क्यों कि देश को मटन चिकन से फुरसत नहीं है)

किन बैंकों का हो रहा है विलय

एसबीआई से जाएगी 27 हजार कर्मचारियों की नौकरी, वेकेंसी में भी 50 फीसदी कटौती! स्टेट बैंक का कहना है कि उससे संबधित छह दूसरे बैंकों का उसमें विलय हो जाने के बाद कंपनी करीब 10 प्रतिशत कर्मचारियों की छटनी करेगी.  एसबीआई में उससे संबंधित छह अन्य बैंक- बीकानेर एवं जयपुर स्टेट बैंक, मैसूर स्टेट बैंक, त्रावणकोर स्टेट बैंक, पटियाला स्टेट बैंक, हैदराबाद स्टेट बैंक और भारतीय महिला बैंक का विलय हो जाना तय है.

अभी बैंक में  2 लाख 7 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं और इस विलय के बाद इस संख्या में 70 हजार का इजाफा होगा और एसबीआई के पास कुल कर्मचारियों की संख्या 2, लाख 77 हजार हो जाएगी.

की जाएगी छटनी

एसबीआई के महाप्रबंधक रजनीश कुमार के मुताबिक, डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है और इस विलय के बाद उसके पास कार्यबल की अधिकता हो जाएगी. उन्होंने कहा कि समय के साथ कार्यबल में कमी की जाएगी और संभव है अगले दो वर्षों में हमारे कार्यबल में 10 फीसदी की कटौती हो.

बैंक के मुताबिक, कंपनी ने स्व-सेवानिवृत्ति की पेशकश भी दी है. इसके अलावा स्वाभाविक छंटनी भी होगी और हर साल हम नौकरी छोड़ने वालों, सेवानिवृत्त होने वालों या स्व-सेवानिवृत्ति लेने वालों की भरपाई नहीं करेंगे. डिजिटलीकरण के चलते भी कार्यबल में कटौती की जाएगी.

नौकरियों का ये है हिसाब

विलय के बाद एसबीआई के पास कुल कर्मचारियों की संख्या 2, लाख 77 हजार हो जाएगी. बैंक अधिकारियों के मुताबिक, 10 प्रतिशत कार्यबल में कटौती की जाएगी इसलिए अनुमान के मुताबिक इस छटनी के दायरे में करीब 27 हजार कर्मचारी आ सकते हैं.

बैंक की मानें तो दो साल के अंदर यह सारे असर दिखाई देने लगेंगे. एक ही जिम्मेदारी के पद पर एक से अधिक कर्मचारियों को हटाया जाएगा और फील्ड कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाएगी.

नई नियुक्तियों पर भी पड़ेगा असर

बैंक अधिकारियों से स्पष्ट कर दिया है कि नए कर्मचारियों की नियुक्ति रुकेगी नहीं लेकिन इसमें 50 फीसदी की कमी की जाएगी. अब एसबीआई हर साल सिर्फ वेकेंसी निकालेगा.

राजनीश ने कहा, ‘हम नई वेकेंसी को रोकेंगे नहीं, क्योंकि इससे निचले स्तर पर अंतराल पैदा होता है. लेकिन हर वेकेंसी को भरने की जरूरत नहीं होगी. अगर किसी एक साल में 13 हजार कर्मचारी रिटायर होते हैं, तो हम उसी अनुपात में सिर्फ 50 प्रतिशत वेकेंसी निकालेंगे.