चुनाव से ठीक पहले संकट में फंसी गहलोत सरकार, पायलट से उम्मीद

आरक्षण को लेकर राजस्थान सरकार की तरफ से वार्ता का प्रस्ताव नहीं आने से नाराज गूजर समाज ने रेलवे ट्रैक पर बैठने का फैसला किया है. बता दें कि गूजर समाज राज्य सरकार से 5 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहा है. आज इसी मांग को लेकर गूजर समाज ने महापंचायत की. पंचायत के बाद आंदोलन का ऐलान किया गया. गूजर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुर्जरों का नेतृत्व कर रहे हैं.

गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने हाल ही में कहा था कि सरकार ने यदि गुर्जर और चार अन्य जातियों को पांच प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया तो आठ फरवरी से राज्य में गुर्जर आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा. अजमेर में मंगलवार को आयोजित गुर्जर समाज की बैठक में बैंसला ने मांग नहीं माने जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी.

बैंसला ने कहा कि हमें पांच प्रतिशत आरक्षण चाहिए, कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बारे में वादा किया था और अब हम कांग्रेस सरकार से सरकारी दस्तावेज बन चुके घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन के तहत राजमार्गों और सड़कों को अवरूद्व किया जाएगा.

गुर्जर समाज सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए गुर्जर, रायका-रेबारी, गडिया लुहार, बंजारा और गडरिया समाज के लोगों को 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है.

वहीं इस पूरे मामले के लिए राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार को गुर्जर आरक्षण के मामले में आई कानूनी अड़चनों को दूर करने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और पार्टी गुर्जर आरक्षण के मुद्दे पर प्रतिबद्ध है और न्याय दिलाकर मानेगी.

पायलट ने कहा कि 5 प्रतिशत के इस (गुर्जर) आरक्षण में जो कानूनी अड़चनें आई हैं (केंद्र को) उनका समाधान निकालने के लिए काम करना चाहिए.

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