राष्ट्रपति का खुलासा: मोदी सरकार से रहे मतभेद, जेटली के फैसलों पर उठाया था सवाल

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणव ने कई बार अरुण जेटली को तलब किया और उनसे सवाल जवाब किए. मुखर्जी ने कहा कि उन्होंने कई बार वित्त मंत्री अरूण जेटली से स्पष्टीकरण मांगा और उन्होंने अक्सर विभिन्न मुद्दों पर सरकार के रुख को रखा और जेटली ने अक्सर उन्हें एक सक्षम और प्रभावी अधिवक्ता की तरह समझाया, पुस्तक ‘प्रेसीडेंट प्रणब मुखर्जी : ए स्टेट्समैन’ को जारी करने के लिए आयोजित समारोह में उन्होंने यह जानकारी दी.

राष्ट्रपति ने कहा कि वह भरोसे के साथ दावा कर सकते हैं कि सरकार का कामकाज कभी प्रभावित नहीं हुआ, उसे रोका नहीं गया और कभी विलंब नहीं हुआ.की दोनों के विचार अलग-अलग रहे हैं, लेकिन इसे उन्होंने खुद तक रखा और करीबी सहयोग से काम किया. मुखर्जी ने कहा कि इसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच संबंध को प्रभावित नहीं किया.

प्रणब मुखर्जी का राष्ट्रपति के तौर पर कार्यकाल समाप्त होने के कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उनकी काफी प्रशंसा की और निवर्तमान राष्ट्रपति के साथ अपने भावनात्मक जुड़ाव का जिक्र करते हुए कहा कि मुखर्जी ने उनका ऐसे खयाल रखा जैसे कोई पिता अपने बेटे का रखता है.  हुए मोदी ने कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें दिल्ली में उनके शुरुआती समय में ही मुखर्जी का साथ मिला और पिछले तीन वर्षों में ऐसी कोई मुलाकात नहीं रही जब राष्ट्रपति ने उनके साथ अपने बेटे जैसा बर्ताव नहीं किया.

मोदी ने भावुक अंदाज में कहा, ‘मैं ऐसा तहेदिल से कह रहा हूं. जैसे कोई पिता अपने बेटे का खयाल रखता है.’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘प्रणब दा कहते, मोदी जी आपको आधे दिन आराम करना होगा. क्यों आप इतनी भाग-दौड़ करते हैं. आपको अपना कार्यक्रम संक्षिप्त करना चाहिए. आपको अपने स्वास्थ्य का खयाल रखना चाहिए.’ मोदी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश चुनावों के दौरान उन्होंने मुझसे कहा कि जीत और हार हमेशा होती रहती है, लेकिन आप अपने शरीर का खयाल रखें. यह राष्ट्रपति के तौर पर उनकी जिम्मेदारी का हिस्सा नहीं था, लेकिन उनके भीतर की जो इंसानियत थी, उसने एक मित्र का खयाल रखा.’ उन्होंने मुखर्जी को एक प्रेरणादायी शख्सियत बताया. उन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ अपने जुड़ाव को याद किया जिसका उनपर प्रभाव पड़ा.