घर के बाहर खाला का इंतज़ार कर रहा था बच्चा कि अचानक …

शुक्रवार को भारत प्रशासित कश्मीर में प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए 12 वर्ष के किशोर की शनिवार की सुबह अस्पताल में मौत हो गई है जिसके बाद शहर के कई इलाक़ों में फिर से कर्फ़्यू लगा दिया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा है कि जुनैद के सर और सीने में पैलेट लगी थी.

पीटीआई के मुताबिक़ ये सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों के दौरान हुआ.

जुनैद श्रीनगर के सैदपोरा डाउनटाउन के रहने वाले थे.

जुनैद की मौत के साथ ही कश्मीर में पिछले तीन माह में प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मरने वालों की संख्या 91 हो गयी है.

उन्हें घायल हालात में श्रीनगर के स्किम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहाँ शनिवार की सुबह उनकी मौत हो गयी.

जुनैद की मौत की खबर के बाद इलाके में गम का माहौल है

जुनैद छठी कक्षा में पढ़ते थे. सुरक्षाबलों से झड़प के दौरान जुनैद की छाती और सिर में गहरी चोटें आयी थीं.

जुनैद के एक रिश्तेदार ने बताया, “जिस वक़्त इलाक़े में प्रदर्शन और झड़पें चल रहीं थीं उस समय जुवो अपने घर के गेट पर खड़े अपनी ख़ाला का इन्तज़ार कर रहे थे.”

शनिवार की सुबह जब से इलाके में जुनैद का शव पहुंचा है वहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये हैं.

जुनैद के शव को जब ईदगाह में जनाज़ा पढ़ने के लिए ले जाया जा रहा था उस समय सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दाग़े.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से कहा है कि सात पुलिस क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है.

8 जुलाई को हिज़बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत हो गई थी जिसके बाद से कश्मीर में भारत विरोधी प्रदर्शन जारी हैं.

बीते तीन महीनों से कश्मीर घाटी में कर्फ्यू लगा है और अलगाववादियों ने बंद बुलाया है जिसकी वजह से कामकाज ठप्प है.

प्रदर्शनों के दौरान हज़ारों लोग घायल हुए हैं, सैकड़ों को गिरफ्तार किया गया है.

अलगावादियों ने बंद को 13 अक्टूबर तक बढा दिया है.

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