शोर शराबे का फायदा उठाकर ‘ईमानदार’ अखिलेश ने ‘करप्ट’ यादव सिंह पर बरसाई कृपा, जांच बंद


Deprecated: Creation of dynamic property Maghoot_Theme::$loop_meta_displayed is deprecated in /var/www/vhosts/knockingnews.com/httpdocs/wp-content/themes/magazine-hoot/template-parts/loop-meta.php on line 108

अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपी नोयडा के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह के खिलाफ न्यायिक जांच बंद करने के आदेश दिए हैं. एक सरकारी अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सीबीआई पहले ही यादव सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है इसलिए ये जांच रोक दी गई है. अधिकारी के अनुसार 26 अक्टूबर को सेवानिवृत्त जस्टिस अमर नाथ वर्मा के एक सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग को भंग करने की अधिसूचना जारी कर दी गई थी. सरकार ने ये फैसला तब लिया जब जांच आयोग ने 10 अगस्त तक जांच रिपोर्ट नहीं सौंप सका और उसने समयसीमा बढ़ाने की मांग की.

यादव सिंह पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए औद्योगिक इलाके में निर्माण के ठेके देकर आय से अधिक संपत्ति कमाने का आरोप है. माना जाता है कि समाजवादी परिवार में हुए हालिया झगड़े में भी इस मामले की अहम भूमिका रही थी. समाजवादी पार्टी के यूपी प्रमुख शिवपाल यादव ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल यादव पर बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया था क्योंकि राम गोपाल के बेटे और बहू पर यादव सिंह से सांठगांठ का आरोप है.

यूपी सरकार ने पिछले साल फरवरी में जांच आयोग का गठन किया था. आयोग को छह महीने में अपनी रिपोर्ट देनी थी लेकिन आयोग समय रहते अपनी रिपोर्ट देने में विफल रहा. आयोग को इससे पहले तीन बार समयसीमा विस्तार मिल चुका था. तीसरा समयसीमा विस्तार 10 अगस्त को खत्म हुआ जिसके बाद आयोग ने चौथे समयसीमा विस्तार की मांग की थी. चौथे समयसीमा विस्तार की अर्जी ठुकराते हुए यूपी सरकार ने कहा कि यादव सिंह, उनकी पत्नी और अन्य सहयोगितों के खिलाफ सीबीआई आरोपपत्र दायर कर चुकी है इसलिए अब न्यायिक आयोग को समयसीमा विस्तार नहीं दिया जा रहा है. हालांकि इससे पहले एक बार यूपी सरकार यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच का इस आधार पर विरोध किया था उनकी न्यायिक जांच पहले से ही जारी है. जब लखनऊ हाईकोर्ट की इलाहाबाद पीठ ने यादव सिंह मामले में सीबाई जांच के आदेश दिए तो राज्य सरकार उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी लेकिन उच्चतम अदालत ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. ctsy- jansatta