RBI की रिपोर्ट में खुलासा, बेकार गई नोटबंदी, भारत में कालाधन करंसी नोटो में था ही नहीं

नई दिल्ली:  रिजर्व बैंक के आंकड़ों से भी अब ये साबित हो चुका है कि देश को काले धन के नाम पर बेवकूफ बनाया गया. भारत के लोगों से चीटिंग हुई और कम से कम करंसी नोटों में कालाधन जैसी कोई चीज़ ही नहीं थी. दूसरे शब्दों में कालाधन लोगों ने रुपयों में न रखकर उसका इस्तेमाल कर लिया था. कालेधन पर ब्लूमबर्ग के आंकड़ों को खारिज करने के बाद अब रिजर्व बैंक ने  घुमा फिराकर वही आंकड़े जाहिर कर दिए हैं. रिजर्व बैंक ने हाल  में उन रिपोर्ट्स को खारिज किया था, जिनमें 30 दिसंबर तक 97 पर्सेंट 500 और 1000 के पुराने नोट वापस आने का दावा किया गया था. लेकिन उसके खुदके आंकड़ों में ही यह बात सही साबित होती दिख रही है. उसके आंकड़े भी कह रहे हैं कि 97 फीसदी नोट वापस आ चुके हैं. यानी 15 लाख करो़ड़ के आसपास पैसा वापस अकाउंट में वापस हो गया. न काला धन निकला न नकली नोट.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई की ओर से प्रचलित करंसी को लेकर जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक यह अनुमान सही था. इन आंकड़ों के अनुसार 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद सिर्फ 54,000 करोड़ रुपये के पुराने नोट वापस नहीं आए. बड़ी बात ये हैं कि इन तीन फीसदी नोटों में वो रकम भी है जो एनआरआई के पास है लेकिन कम मात्रा में होने के कारण वो उसे बदलने भारत नहीं आ सकते. वो रकम भी है जो सरकार ने नियम बदलकर हड़प ली. पहले कहा गया था कि लोग 31 मार्च तक आरबीआई से नोट बदल सकते हैं लेकिन बाद में सरकार ने कहा कि ये सुविधा एनआरआई के लिए ही है. इस बदलाव से काफी लोग नोट जमा नही करवा सके.

आरबीआई की ओर से आखिरी बार 19 दिसंबर को यह जानकारी दी गई थी कि नोटबंदी के बाद कितने पुराने नोट वापस लौटे हैं. हालांकि कितनी संख्या में नए नोट जारी किए गए हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.

शुक्रवार को आरबीआई की ओर से जारी किए गए साप्ताहिक आंकड़ों में बताया गया है कि 6 जनवरी तक कुल 8.98 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में थी. इसमें 500 और 2000 रुपये के नए नोटों के अलावा 100, 50, 20 और 10 रुपये की छोटी करंसी के नोट भी शामिल हैं. इनमें 500 और 1000 रुपये के वह पुराने नोट भी शामिल हैं, जो अभी बैंकिंग सिस्टम में वापस नहीं लौटे हैं.

5 जनवरी को ब्लूमबर्ग की ओर से जारी रिपोर्ट में 97 पर्सेंट पुराने नोटों के बैंकिंग सिस्टम में लौटने की बात पर आरबीआई ने सवाल खड़े किए थे. इस रिपोर्ट को लेकर आरबीआई ने कहा था, ‘वापस आए नोटों की एक बार फिर से गिनती करनी होगी.

वापस आए नोटों के आंकड़े में अकाउंटिंग की खामी हो सकती है या डबल काउंटिंग की भी समस्या हो सकती है.’ एक बार फिर से इसकी अकाउंटिंग किए बिना किसी भी आंकड़े को सही नहीं कहा जा सकता है. आइए अब जानते हैं कि आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक बैन किए गए कितने नोट सिस्टम में वापस लौटे हैं.

वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से राज्य सभा में दिए गए एक जवाब के मुताबिक 8 नवंबर को 500 रुपये के 1,16,989 नोट सर्कुलेशन में थे, जबकि 1,000 रुपये के 46,741 करोड़ नोट मार्केट में थे. इन नोटों की कुल कीमत 15.44 लाख करोड़ रुपये थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक बैन किए गए नोटों की इकॉनमी में सर्कुलेट कुल करंसी में 86 पर्सेंट की हिस्सेदारी थी. आरबीआई की ओर से 4 नवंबर को जारी किए गए डेटा के मुताबिक कुल 17.95 लाख करोड़ रुपये की करंसी मार्केट में थी.

10 नवंबर से 30 दिसंबर तक बैंकों में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जमा किए गए. इसके अलावा आरबीआई की ओर से 500 और 2000 के अलावा छोटी करंसी के भी नोट जारी किए गए.

18 नवंबर को आरबीआई की ओर से जारी डेटा के मुताबिक कुल 14.27 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में थी. इसमें 2.51 लाख करोड़ रुपये छोटी करंसी में थे, जिन्हें बैन नहीं किया गया. इसके अलावा नए जारी किए गए नोट और बैन करंसी नोट भी इस आंकड़े में शामिल थे. हालांकि आरबीआई की ओर से नए नोटों को जारी करने का सटीक आंकड़ा नहीं बताया गया.

आरआई ने पहली बार 7 दिसंबर को मौद्रिक समीक्षा नीति को लेकर जारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए नोटों का आंकड़ा बताया था. डेप्युटी गवर्नर आर. गांधी के मुताबिक 6 दिसंबर तक कुल 4 लाख करोड़ रुपये के नए करंसी नोट सर्कुलेशन में आ चुके थे. इनमें 1.06 लाख करोड़ रुपये 100 और उससे कम की करंसी नोट के थे, जबकि 2.94 लाख करोड़ रुपये 500 और 2000 के नोटों में थे. इसके बाद 9 दिसंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार कुल 9.81 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में थी. इसमें 2.51 लाख करोड़ रुपये की छोटी करंसी थी, जो 8 नवंबर से पहले की थी. इसके अलावा 1.06 लाख करोड़ रुपये की नई छोटी करंसी थी. वहीं 2.94 करोड़ रुपये के 500 और 2000 रुपये के नए नोट थे.

इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि 9 दिसंबर तक आरबीआई के पास सिर्फ 3.29 लाख करोड़ रुपये के बैन नोट वापस आने रह गए थे. दूसरे शब्दों में कहें तो कुल 15.44 लाख करोड़ रुपये के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में से 12.14 लाख करोड़ की करंसी वापस आ गई. 13 दिसंबर को आरबीआई की ओर से मीडिया में दिए गए बयान में भी यह बात कही गई थी.

19 दिसंबर को आरबीआई ने एक बार फिर से नए नोटों को लेकर आंकड़ा जारी किया. आरबीआई ने कहा कि 100 रुपये तक की छोटी करंसी में 20.4 अरब नए नोट जारी किए गए, जबकि 500 और 2000 के 2.2 अरब नोट जारी किए गए. इस तरह आरबीआई के मुताबिक कुल 5.93 लाख करोड़ रुपये की नई करंसी जारी की गई.

आइए अब जानते हैं कि 6 जनवरी तक कैसे 8.98 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में थी. यदि हम यह मान लें कि 19 दिसंबर के बाद कोई नए नोट जारी नहीं किए गए, जो संभव नहीं है, तब पहले से मौजूद 2.51 लाख करोड़ रुपये के छोटी करंसी के नोटों और 5.93 लाख करोड़ रुपये के 500 और 2000 रुपये के नोटों को जोड़कर यह आंकड़ा 8.44 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया.

इस तरह यदि हम 6 जनवरी को मार्केट में मौजूद कुल करंसी 8.98 लाख करोड़ रुपये में से जारी किए गए नोटों की राशि 8.44 लाख करोड़ रुपये को घटा दें तो पता चलता है कि सिर्फ 54,000 करोड़ रुपये के पुराने नोट सिस्टम में वापस नहीं लौटे हैं. यानी 14.90 लाख करोड़ रुपये की बैन की गई कुल पुरानी करंसी में से 96.5 पर्सेंट नोट वापस लौट आए.