अखिलेश की ये है समाजवादी पार्टी में हैसियत. कहीं और से चुना जाता है चीफ सेक्रेटरी. 

न​ई दिल्लीः दीपक सिंघल…। यूपी की ब्यूरोक्रेसी में ऐसा चर्चित नाम, जिनका विवादों से चोली-दामन सरीखा नाता रहा है। विभागीय कार्यों से पहचान कम, सत्ता के मैनेजर के रूप में ज्यादा जाने जाते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो फिर क्या वजह है कि लंदन दौरे से लौटते ही युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनके आगे घुट्टी ने टेक देते हैं। 

जिस अफसर को अपने इर्द-गिर्द फटकने नहीं देते उसे ही अप्रत्याशित तरीके से सूबे के सबसे बड़े नौकरशाह यानी मुख्य सचिव की कुर्सी सौंपने को मजबूर हो जाते हैं। इसके लिए उन्हें अपने उस चहेते ईमानदार आईएएस अफसर सिंघल के ही 1982 के बैचमेट प्रवीर कुमार से पद छीनना पड़ता है, जिसे वे इसी पद के लिए दिल्ली डेपुटेशन से बुला लिए थे। यह वही सिंघल हैं, जिनकी अमर सिंह से लैंड डीलिंग की बातचीत का टेप लीक होने पर  पूरी दुनिया 2011 में देख-सुन चुकी है, वाकया तब का है जब अमर सिंह के कई टेप लीक हुए थे। यह वही सिंघल हैं, जिनकी कार्यप्रणाली रास न आने पर सीएम आवास पर हुए दो कार्यक्रमों में अखिलेश उन्हें सार्वजनिक रूप से झिड़क कर नसीहत दे चुके हैं। हम आपको बता रहे कि अखिलेश यादव क्यों विवादित सीनियर आईएएस अफसर दीपक सिंघल को मुख्य सचिव बनाने को मजबूर हुए। 

अमर सिंह-शिवपाल के इशारे पर नाचने का गुण दीपक को मुख्य सचिव बना गया

अमर सिंह और शिवपाल दोनों के दीपक सिंघल चहेते हैं। अमर भी सपा में लौट चुके हैं. अमर सिंह के लीक हुए जिस टेप में दीपक सिंघल बातचीत कर रहे हैं उसे सुनने के बाद पता चलता है कि किस तरह वे अमर के इशारे पर नाचने वाले अफसरों में शामिल हैं। बाबुओं की तरह यह सीनियर आईएएस अफसर नेता कम पॉवर ब्रोकर अमर सिंह को बार-बार सर..सर कहकर बात कर रहा है। सिंघल कर रहे हैं कि सर..हमने आपका मामला पक्का करा दिया है। बीक आप देख लीजिए। बातचीत के दौरान अमर सिंह दीपक सिंघल को 96.5 लाख रुपये देवेंद्न नामक शख्स को भेजने की बात कर रहे हैं। आज की तारीख में दीपक सिंघल कबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव के भी सबसे विश्वासपात्र अफसरों में शुमार हैं। बताया जाता है कि शिवपाल को दीपक सिंघल का सबको साधने का खास प्रबंधन गुर बहुत भाता है। यही वजह है कि अमर सिंह और शिवपाल यादव ने मिलकर अपने इस चहेते आईएएस अफसर को 30 जून को आलोक रंजन के रिटायर होने के बाद छह दिनों से खाली पड़ी मुख्य सचिवu की कुर्सी पर बैठाने की ठानी। दोनों लोग जानते थे कि अखिलेश दीपक को बिल्कुल नहीं पद देने वाले। ऐसे में अमर-शिवपाल ने नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव के पास पहुंचकर दीपक की शान मे कसीदे पढ़े और वहां से अखिलेश पर वीटो पावर लगाकर उन पर दबाव डलवा दिया। जिससे मन मसोसकर अखिलेश अपने चहेते प्रवीर कुमार को कार्यवाहक मुख्य सचिव की कुर्सी से हटाकर दीपक सिंघल को स्थायी रूप से गद्दी सौंपने को मजबूर हो गए। 

अब मुख्य सचिव अपना तो शिवपाल-अमर सिंह की चल निकलेगी। जो चाहेंगे नौकरशाही वही हु्क्म बजाएगी। 

अखिलेश के न चाहने पर भी प्रमुख सचिव सिंचाई व गृह बन गए थे दीपक

सूबे के अमूमन वरिष्ठ आईएएस का सपना होता है मालदार सिंचाई महकमे का प्रमुख सचिव बनना। कहा जाता है कि वे दो साल पहले जब प्रमुख सचिव सिंचाई बने तो उसमें भी शिवपाल यादव की ही कृपा रही। क्योंकि मंत्रालय भी उनके अधीन रहा। सिंचाई महकमा मिलने के बाद सिंघल ने प्रमुख सचिव गृह बनने की ठानी। तब फिर जुगाड़ काम आया और वे तीन जून 2014 को  शिवपाल के समर्थन पर मुलायम सिंह यादव के फैसले से प्रमुख सचिव गृह बन गए। जबकि सीएम अखिलेश यादव दीपक सिंघल को यह पद नहीं देना चाहते थे। सारे आईएएस दंग रह गए कि गृह विभाग जैसा व्यस्त महकमा जिसमें कम से कम हर रोज 12 घंटे फाइल निकालने में लग जाते हैं। ऐसे मे दीपक कैसे सबसे बड़े महकमे में से एक सिंचाई विभाग भी हथियाने में सफल रहे। यही वजह रही कि जब आईएएस वीक हुआ तो उनके आईएएस दोस्तों ने उन्हें रिटर्न ऑफ डॉन की उपाधि से नवाजा। क्योंकि वे दिल्ली में डेपुटेशन से यूपी लौटे थे। इसके बाद फिर से यूपी में दबंग पारी खेलना शुरू कर दिए। 

नाकारा साबित हुए तो अखिलेश ने 14 दिन में छीन लिया गृहविभाग

सीएम अखिलेश यादव को दीपक सिंघल की कार्यप्रणाली कभी पसंद नहीं रही। बल्कि उनकी जगह वे प्रवीर कुमार को तवज्जो देते रहे। मगर चाचा शिवपाल व पिता मुलायम की जुगलबंदी से हुए फैसले उन्हें बैकफुट पर लाते रहे। जब शिवपाल सिंह की बदौलत दीपक सिंघल तीन जून 2014 को प्रमुख सचिव गृह बनने में  सफल हुए तो अखिलेश यादव मन मसोस कर रह गए। मगर जब फिरोजाबाद में दो पुलिसकर्मियों की हत्या हुई तो अखिलेश ने मौका पाते ही दीपक सिंघल को प्रमुख सचिव गृह पद से चलता कर दिया। तब दीपक सिंघल अपने पास पहले से मौजूद सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव का मलाईदार पद बचाने में जुट गए। उन्हें यह पद भी छिनने का खतरा लगा रहा। अखिलेश उनकी कार्यप्रणाली से इतने नाराज रहते थे कि कई बार सार्वजनिक मंच से सिंघल की चुटकी ले लेते थे। जिस पर सिंघल झेंप जाया करते थे। 

जब कृषि उत्पादन आयुक्त बनने से अखिलेश ने रोक दिया

वरिष्ठ आईएएस दीपक सिंघल की हमेशा कोशिश रहती थी कि किसी तरह मलाईदार महकमे की कमान ही उन्हें मिले। सूबे के मुख्य सचिव के बाद दूसरे नंबर की पोस्ट होती है कृषि उत्पादन आयुक्त की। हर सीनियर आईएएस अफसर मुख्य सचिव नहीं हुआ तो कम से कम इस पोस्ट को पाना चाहता है। शिवपाल यादव अपने चहेते आईएएस दीपक सिंघल को दो साल पहले पद पर बैठाने में जुट गए थे। मगर अखिलेश दीपक सिंघल की कार्यप्रणाील से भलीभांति वाकिफ थे। जिससे लाख कोशिशों के बाद भी सिंघल कृषि उत्पादन आयुक्त नहीं बन पाए। बल्कि उन्होंने डेपुटेशन पर गए प्रवीर कुमार को दिल्ली से बुलाकर यह पद सौंप दिया।

भ्रष्टाचार के कई मामलों से रहा है दीपक सिंघल का नाता

दीपक सिंघल जब बरेली में डीएम रहे तो चीनी मिल बिक्री घोटाले में फंस गए। तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने उनके खिलाफ जांच बैठा दी थी। बाद में बसपा सरकार आई तो नेताओं से रसूख के दम पर उन्होंने फाइल दबवा ली। नतीजा जांच ठंडे बस्ते में चली गई। उन पर प्रमुख सचिव ऊर्जा रहते हुए रिश्तेदार की ब्लैकलिस्टेड कंपनी को बहाल करने के भी आरोप हैं। 

अमर सिंह से डीलिंग के तीन टेप उजागर होने पर सुर्खियों में रहे

2011 में सीनियर आईएएस दीपक सिंघल तब विवादों में घिर गए जब उनकी अमर सिंह से बातचीत के तीन टेप लीक हो गए। हालांकि यह टेप लीक होने के समय से काफी पहले के रिकार्डेडे रहे। एक टेप में अमर सिंह किसी देवेंद्र कुमार नाम के शख्स को 98 लाख रुपये पहुंचाने को बोल रहे। दूसरे टेप में आईएएस संजीव शरण के साथ नोएडा व ग्रेटर नोएडा में हिस्सेदारी, मुख्य सचिव पर बाहर से दबाव डलवाकर कुछ काम कराने की बातचीत है। पहले टेप में शुगर मिल डील, विशेष आर्थिक जोन(एसईजेड) के टेंडर और पालिसी में मनमाफिक बदलाव की चर्चा शामिल रही। डेपुटेशन से लौटने के बाद प्रमुख सचिव सिंचाई और फिर प्रमुख सचिव गृह जैसा पद एक साथ हथिया लेने और हमेशा विवादों में रहने के कारण उन्हें एक आईएएस में साथी अफसर रिटरन ऑफ डान का तमगा दे चुके हैं। इसके अलावा सूत्र बता रहे कि इसी आईएएस वीक में सूबे के टॉप 10 भ्रष्ट आईएएएस की सूची शामिल हुई थी, जिसमें सिंघल का नाम भी शामिल रहा। 

अमर सिंह-दीपक सिंघल टेप-1 की ट्रांसक्रिप्ट गुड इवनिंग, मिस्टर अमर सिंह रेजिडेंस

साहब होंगे क्या, दीपक बोल रहा था

सर एक सेकण्ड

हेलो

नमस्कार सर, दीपक बोल रहा था

हाँ बोलिए

सर वह तो हो गयी थी शुगर वाली, वह क्लियर हो गयी

बहुत बहुत धन्यवाद

नहीं नहीं सर,

बहुत बहुत धन्यवाद्

और दूसरा सर, उसका भी डिस्कशन हो गया है आज इन्वेस्टमेंट बोर्ड वाले में, जो आपने लिखे हैं बारह-तेरह पॉइंट उस पर भी आज डिस्कशन चीफ सेक्रेटरी के सामने आज हो गए हैं स्टीयरिंग कमिटी की बैठक के लिए चीफ सेक्रेटरी कह रहे थे दो-तीन दिन में डेट दे देंगे स्टीयरिंग कमिटी में सब के प्रस्ताव बना के, स्टीयरिंग कमिटी से कलीर करा के, सब के प्रस्ताव हो जाएगा

हाँ यह ठीक है

जी सर

ठीक है साहब, थैंक यू साहब, एसईजेड के बारे में मैं यह सोच रहा हूँ, एसईजेड के लिए क्या कानपुर वाले शुरू कर दिए हैं प्रोसेस टेंडर वेंडर का,

कानपुर का तो अभी चल रहा है, अभी इस स्टेज पर है जैसे कि टेंडर डॉक्यूमेंट फ़ाइनलिज़शन का काम हो चुका है, उस पर न्याय विभाग की राय आ रही है और उसको अब ओपन टेंडर प्रोसेस से रिलीज़ होना है दो-चार दिन में

ये कभी नहीं होगा अब राजस्थान में ये हो गया वन टू वन, चंडीगढ़ में ये हो गया वन टू वन, मैं इसके लिए एक एसईजेड पालिसी बना देता हूँ  और उस पालिसी में दो-तीन आदमी को डाल कर साइन करवा देता हूँ

बहुत अच्छा रहेगा सर पालिसी में यह हो जाएगा कि हमारे यहाँ ये-ये ओपोरच्युनिटी अवेलेबल हैं

नहीं जेवी करवा देता हूँ ना

हाँ यह ठीक रहेगा, उसमे सर एक चीज़ हो सकती है आपने कहा था सोचने के लिए उसमें सर यह हो जाए कि लैंड अलोटमेंट टू एसईजेड की पालिसी बन जाए फिर कोई दिक्कत नहीं है

नहीं-नहीं लैंड अलोटमेंट तो लीज़ करवा दूंगा

हाँ सर लैंड अलोटमेंट टू एसईजेड, मान लीजिये मेरा मेरे को

नहीं नहीं लैंड अलोटमेंट हो जाएगा एसईजेड बन जायेगी नॉएडा की वजह से नॉएडा की एसईजेड बन जायेगी तो निन्यानवे साल के लिए लैंड अलोटमेंट हो जाएगा

बिलकुल सर

वो बेचेंगे नहीं

हां सर, वो एसपीवी ओरिएन्टेशन जो मैंने आपको पहले सजेस्ट किया था वह करेक्ट रूट है, उसमे कोई दिक्कत नहीं है

वह हम आपसे बैठ कर बात भी कर लेंगे, थैंक यू

सर हमको एक ऐड हमें आपको दिखाना था वह औद्योगिक निवेश बोर्ड वाला जो हम लोगों ने ड्राफ्ट किया था उसके बाद

मीटिंग होगी क्या मीटिंग होगी अभी औद्योगिक निवेश बोर्ड की कि उसकी जरूरत नहीं है

नहीं-नहीं सर, मीटिंग तो होगी, मीटिंग तो करायेंगे उससे प्रेसर बिल्ट अप होती है, मतलब आपके उस चिट्ठी भर लिखने से तेजी आ गयी काम में, आप मीटिंग करना चाहें मत कीजियेगा पर फिलहाल तो प्रेसर बना रहे 

नहीं, मीटिंग तो कर देंगे, मीटिंग में एनाउंस कर देंगे

जी सर, यदि आप नौ बजे तशरीफ़ से जा रहे हैं, मैंने चेक अप किया था, मुझे कल दिल्ली आना था, बाई द वे यदि आप रहे तो मुझे केवल वीआइपी लौंज में आपको एक विज्ञापन दिखाऊंगा सर
हाँ आ जाईयेगा ठीक है
नौ बजे तक टेक ऑफ है, यदि उससे पहले फ्लाइट पहुँच गयी तो
हाँ ठीक है
मैं आप को दे दूंगा
राईट सर

Courtsey – indiasamwad. Com