मॉल, रेस्त्रां, होटल, में एमआरपी से ज्यादा पर बिक सकेगा पानी, बाकी ब्रांडेड माल पर भी होगी छूट

नई दिल्ली :  अगर अगली बार होटल में बैरा पानी की बॉटल लेकर आए तो दाम पहले पूछ लीजिएगा. सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि होटल वाले को हक है कि वो एमआरपी से ज्यादा दाम पर पानी बेच सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर रेस्तरां वाले पानी की मनमानी कीमत वसूलते हैं तो उनपर कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है.

सरकार के इन नियमों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर होटल मालिकों इसे अपराध मानने से इनकार किया था. अपील में कहा गया था कि ये तो धंधा है. उन्होंने तर्क दिया था कि होटल में लोग सिर्फ पानी नहीं पीते वो पानी के साथ दूसरी  सुविधाओं का लाभ लेते हैं. रेस्ट्रां की सुविधा का आनंद लेते हैं और इस सब पर रेस्त्रां खर्च करता है. दिल्ली हाइकोर्ट ने होटल रेस्टोरेंट मॉल और मल्टीप्लेक्स में MRP पर ही मिनरल वॉटर बेचने का फैसला दिया था, फेडरेशन ने उसी आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन्स ऑफ इंडिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार का रुख दरकिनार ही कर दिया. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि अगर वो पानी की मनमानी कीमत वसूलते भी हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती.

केंद्र सरकार ने 2009 में संशोधित एक्ट की दुहाई देते हुए कोर्ट में कहा था कि तय खुदरा मूल्य से ज्यादा कीमत वसूलने पर होटल या रेस्तरां मालिक या मैनेजमेंट पर आर्थिक जुर्माना और कैद का प्रावधान है. दूसरी बार पकड़े जाने पर जुर्माना 50 हज़ार रुपये तक हो सकता है.

कोर्ट ने ये भी कहा कि मोल का मामला सिर्फ पानी तक ही क्यों रहे इस दायरे में पैकेटबंद खाद्य पदार्थ मसलन, चिप्स और बिस्किट स्नैक्स वगैरह भी आ सकते हैं. मंगलवार को जस्टिस रोहिंगटन नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने हालांकि अभी आदेश पारित नहीं किया. लेकिन कोर्ट के रुख से ये अंदाज़ा तो पुख्ता होता है कि होटल रेस्तरां मॉल मल्टीप्लेक्स में खाने-पीने की कीमतें मनमानी हो सकती हैं. एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि जब सरकार मुकदमा हारती है तो अक्सर इसका मतलब होता है कि उसने जतन से केस नहीं लड़ा.