बुरे दिन : आसमान पर महंगाई की दर, रोज़मर्रा का सामान महंगा


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नई दिल्ली :  अच्छे दिन का मतलब था कि लोगों का जीवन बदलेगा, कुछ बेहतर होगा लेकिन एक के बाद एक बुरी खबर हिला रही है. थोड़ी देर पहले खबर आती है कि औद्योगिक उत्पादन की दर गिर गई है उसके ठीक बात महंगाई की खबर है. सब्जी, फल, अंडा, चीनी और दूध जैसी रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं के महंगे होने से बीते नवंबर महीने में खुदरा महंगाई की दर या सीपीआई 4.88 फीसदी पर पहुंच गई. यह 15 महीने का उच्चतम स्तर है. इससे एक महीने पहले सीपीआई 3.58 फीसदी पर थी. इससे पहले अगस्त 2016 में खुदरा महंगाई की दर 5.05 फीसदी पर थी.

 

केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय -सीएसओ- द्वारा मंगलवार को जारी सीपीआई आंकड़ों के मुताबिक बीते नवंबर में गरीब-अमीर, सभी के रोजमर्रा उपयोग की वस्तुओं में तीव्र इजाफा हुआ. इस महीने सब्जी की कीमतें शहरों में 30.42 फीसदी बढ़ी जबकि गांवों में भी 18.48 फीसदी बढ़ी. यदि गांवों एवं शहरों के संयुक्त महंगाई दर को देखें तो कुल मिला कर नवंबर में सब्जी 22.48 फीसदी महंगी हुई.

 

इसी तरह आलोच्य महीने में प्रोटीन का सस्ता स्रोत अंडा शहरों में 9.40 फीसदी महंगा हो गया. शहर एवं गांवों के संयुक्त आंकड़ों को देखें तो अंडा 7.95 फीसदी महंगा हुआ. इस महीने फलों की कीमतें भी 6.19 फीसदी चढ़ गई तथा चीनी एवं अन्य कंफेक्शनरी सामान भी 7.80 फीसदी महंगे हो गए.

 

यहां तक कि ईंधन एवं रोशनी पैदा करने वाले सामनों की कीमतें भी 7.95 फीसदी बढ़ी. हालांकि नवंबर 2017 के दौरान दालों की कीमत में आश्चर्यजनक रूप से 23.53 फीसदी की कमी हुई. इस दौरान शहरों में तो दाल की कीमत 30.13 फीसदी घटी जबकि गांवों में 20.06 फीसदी घटी.

 

मासिक आधार पर बीते अक्टूबर में उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि दर नकारात्मक 4.8 फीसदी के मुकाबले नकारात्मक 6.9 फीसदी रही है. वहीं, गैर-उपभोक्ता वस्तुओं की वृद्धि दर 10 फीसदी से घटकर 7.7 फीसदी रही. अक्टूबर में मध्यवर्ती वस्तुओं -इंटरमीडिएट गुड्स- की वृद्धि दर 1.9 फीसदी से घटकर 0.2 फीसदी रही.