मोदी की धमकियों से गुस्साए मनमोहन, राष्ट्रपति से कहा इनकी भाषा सुधारिए

नई दिल्ली : कर्नाटक में चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाषा पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जबरदस्त नाराज़गी जताई है. उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वो मोदी को कांग्रेस नेताओं या किसी अन्य शख्स के खिलाफ अशोभनीय और धमकाने वाली टिप्पणी करने से रोकें. उन्होंने लिखा है कि ऐसी बातें पीएम पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देतीं.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 13 मई को भेजे गए पत्र में उस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और उप नेता आनंद शर्मा, पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, पार्टी महासचिव अशोक गहलोत, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के हस्ताक्षर हैं.

राष्ट्रपति को लिखी इस चिट्ठी में कहा गया कि देश में इससे पहले जितने भी प्रधानमंत्री हुए, सभी ने सार्वजनिक व निजी कार्यक्रमों पूरी गरिमा और मर्यादा का पालन किया. यह सोचा भी नहीं जा सकता कि लोकतांत्रिक समाज में राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते कोई प्रधानमंत्री मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं और सदस्यों के खिलाफ सार्वजनिक रूप से ऐसे शब्दों का प्रयोग करेगा.

अपनी चिट्ठी में मनमोहन सिंह ने कर्नाटक के हुबली में 6 मई को पीएम नरेंद्र के चुनावी भाषण का खास तौर से जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने कहा था , ‘कांग्रेस के नेता कान खोलकर सुन लीजिए, अगर सीमाओं को पार करोगे, तो ये मोदी है, लेने के देने पड़ जाएंगे.

इस चिट्ठी में कहा कि प्रधानमंत्री की तरफ से कांग्रेस नेताओं को दी गई ये धमकी निंदनीय है. सवा अरब लोगों वाले लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री की ऐसी भाषा नहीं होनी चाहिए. निजी या सार्वजनिक जीवन में ऐसी भाषा अस्वीकार्य है.

कांग्रेस ने कहा, ‘कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है और कई चुनौतियों और धमकियों का सामना कर चुकी है. चुनौतियों और धमकियों का सामना करने में कांग्रेस नेतृत्व ने हमेशा साहस और निडरता का परिचय दिया है. हम यह साफ करना चाहते हैं कि इस तरह की धमकियों से न तो पार्टी और न ही हमारा नेतृत्व झुकने वाला है.

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