मौत के दूसरे दिन ही वो सामने खड़ा था, वही जलने के घाव, तन पर कपड़े नहीं

वडोदरा. उसे धधकती वैन में जलकर खत्म होते सबन देखा था. सबने देखा था कि किस तरह उसका शरीर आग में खाक हो गया.  बचे खुचे शरीर की अंत्येष्टि भी कर दी गई थी. पुलिस  ने परीक्षण के लिए उसका डीएनए सैंपल भी लिया था. लेकिन अचानक दूसरे ही दिन ..

कहानी गोधरा के पास छा बानपुर गांव के 35 वर्षीय अरविंद नायक की है. रविवार सुबह उसकी मारुति वैन में आग लगी थी . वह काम के सिलसिले में घर से निकला था. देररात तक जब वह घर नहीं लौटा तो परिवारवालों ने उसकी तलाश शुरू की. हाइवे पर जली हुई कार के अंदर उसके कपड़े मिले और कार के अंदर मिली लाश की पहचान भी घरवालों ने अरविंद के तौर पर की. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल भी ले लिए . घरवालों ने अरविंद का अंतिम संस्कार कर दिया और उसके भाई भरत पर हत्या का आरोप भी लगाया. जली हुई कार के पास जमीन पर खून भी मिला था.

घटना के अगले दिन की बात है. अरविंद के अंतिम संस्कार से फारिग होकर घर के लोग इकट्ठे बैठे उससे जुड़ी यादें साझा कर रहे थे, अरविंद की सारी सच्चाइयां एक एक कर लोगों के दिलों से बाहर आ रही थी. लोगों ने सुन रखा था कि जिसे दिल से चाहो वो एकबार लौटकर देखने ज़रूर आता है. लेकिन लोगों को उम्मीद नहीं थी कि दूसरे ही दिन अरविंद उनके सामने खड़ा होगा. वही अरविंद सीने पर जलने के निशान, शरीर पर कपड़े नहीं. बदहवास सा. इनसान कितना भी पढ़ा लिखा और समझदार हो लेकिन  जब ऐसा मंजर समाने आता है तो उसे भूत प्रेत पर विश्वास हो ही जाता है. उनके सामने जो अरंविंद खड़ा था उसके शरीर पर सिर्फ अंडरवियर और बनियान ही थी. उसके सीने पर जलने का जख्म भी था. पहले तो गांववाले डर गए लेकिन जब यकीन हो गया कि अरविंद का भूत नहीं अरविंद उनके सामने है तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने मंगलवार को उसे पूछताछ के लिए बुलाया तो सब चौक गए . अरविंद ने पुलिस को बताया कि उसे शक था कि उसकी पत्नी कपिला और गांव के भाला नायक के बीच अवैध संबंध हैं. बदला लेने के लिए रविवार सुबह वह भाला नायक को भी गाड़ी चलवाने के नाम पर साथ ले गया और मौका देखकर हाइवे पर उसका सिर फोड़ दिया. सिर पर चोट की वजह से भाला बेहोश हो गया तो अरविंद ने उसे वैन में डाला और 5 लीटर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी. इस दौरान अरविंद भी आग में झुलस गया, हालांकि उसने किसी तरह खुद को बचा लिया.