उस जूनियर डॉक्टर के पास एक फोन आया मरीज़ को मार दो, मरीज़ नहीं बचा

डॉक्टर का काम है लोगों का जीवन बचाना. इसीलिए उन्हें भगवान भी कहा जाता है. लेकिन जब डॉक्टर का दिल पत्थर का हो जाए तो इनसान को भगवान भी नहीं बचा सकता . आगरा के मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगे हैं. आरोपों के मुताबिक सीनियर डॉक्टर ने अपने जूनियर डॉक्टर से मरीज को मारने का फरमान सुना दिया. जूनियर डॉक्टर ने टीबी के एक मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया. जिसके बाद डॉक्टर ने जूनियर डॉक्टर से कहा कि उसे भर्ती कर लो और मार डालो. इस पूरी बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया गया है. हालांकि सीनियर डॉक्टर ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है.

यह मामला आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज का है. जहां मुकेश प्रजापति नाम के लड़के को टीबी थी और पेट में उठने के बाद अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लाया गया था. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक लड़के के पिता टीकम प्रजापति ने बताया कि शुक्रवार रात 10 बजे उनके बेटे के पेट में दर्द हुआ जिसके बाद उन्होंने डॉक्टरों से इस बात की शिकायत की. बात नहीं सुनने पर उन्होंने सर्जिकल डिपार्टमेंट के हेट श्वेतांक प्रकाश को फोन किया. जिसके बाद उन्होंने जूनियर डॉक्टर से बात कराने के लिए कहा. एडमिट करने के कुछ ही घंटों बाद मुकेश की मौत हो गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक अंग्रेजी अखबार को प्राप्त हुई रिकॉर्डिंग में सीनियर डॉक्टर जूनियर डॉक्टर को निर्देश देते हुए सुना गया. इसमें श्वेतांक प्रकाश जूनियर डॉकटर से एडमिट करने के लिए कह रहा है. डॉक्टर ने कहा,’मारने के लिए एडमिट कर लो, मार दो इसे, एडमिट जरुर कर लो और हां ब्लड लिख दो…अपने आप भाग जाएगा. क्लिप सामने आने के बाद जब डॉक्टर से संबंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि क्लिप से छेड़छाड़ की गई है. उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है. मैंने जूनियर डॉक्टर को मरीज को भर्ती करने और तुरंत इलाज देने के लिए कहा था. वह टीबी का मरीज था न कि सर्जरी का. फिर भी मैंने बिना इन सब चीजों की परवाह किए हुए डॉक्टरों से उसका इलाज करने के लिए कहा. वहीं, मरीज के पिता ने इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

पुलिस ने इस मामले में पीड़ित परिवार की शिकायत दर्ज कर ली है. जिला प्रशासन और स्वास्थय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वह पीड़ित की ओर से लगे आरोपों की जांच करेंगे.