क्या विजय माल्या को साजिशन फंसाया गया ?

नई दिल्ली : क्या विजय माल्या को जानबूझकर फंसाया गया है ? क्या विजय माल्या से ज्यादा भारत सरकार के बैंकों की गलती है ? आप मानें या न मानें लेकिन विजय माल्या के प्रत्यपर्ण केस की सुनवाई करते हुए ब्रिटेन स्थित वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने यही सवाल खड़े किए हैं. साथ ही अदालत नें भारतीय बैंकों के लोन देने की प्रक्रिया पर सवालिया निशान खड़े कर दिए. कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज एमा अर्बथनॉट ने बाकायदा बैंकों पर साजिश करने का आरोप भी लगा दिया.

जज ने यहां तक भी कहा कि इन बैंकों के कुछ अधिकारियों ने माल्या के खिलाफ साजिश रची, जिसके चलते उसको देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा और एक अच्छी खासी चलती हुई कंपनी को बंद करना पड़ा. जज ने इसके बाद भारतीय अधिकारियों को केस समझाने के लिए कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया .

जज एमा ने कहा कि यह पूरा केस एक तरह से अबूझ पहेली है, जिसको समझने में उनको काफी महीने लग गए. जज ने कहा कि भारतीय बैंकों ने माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को लोन देते वक्त अपनी ही तय गाइडलाइंस को ताक पर रख दिया.

केंद्र सरकार की तरफ से नियुक्त क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस के वकील ने माल्या के वकील द्वारा दिए गए साक्ष्यों को आधारहीन बताया. वकील मार्क समर ने इन साक्ष्यों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारत सरकार ने इसे फ्रॉड बताया है. उन्होंने कहा कि जज को भारत सरकार द्वारा दिए गए साक्ष्यों के आधार पर जल्द से जल्द फैसला सुनाना चाहिए.

विजय माल्या पर देश के विभिन्न बैंकों का 9 हजार करोड़ का बकाया है. वह इस बकाये के साथ विदेश भाग गए हैं. सरकार पिछले एक साल से माल्या को वापस लाने का प्रयास कर रही है लेकिन अब तक कामयाब नहीं हो पाई है. इसी सिलसिले में ये सुनवाई हो रही है.