HAL के कर्मचारियों का वेतन लटकाया ताकि वो अनिल अंबानी की कंपनी में चले जाएं ?

नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने HAL का भुगतान इसलिए रोका. उसे आर्थिक संकट में इसलिए डाला ताकि HAL के कर्मचारी वेतन न मिलने के कारण परेशान हों और हारकर अनिल अंबानी की कंपनी में चेल जाएं और भारत के होनहार डिफेंस इंजीनियर अंबानी को मिल सकें. ये आरोप कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लगाया है.

उन्होंने (rahul gandhi)  हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL)को एक लाख करोड़ रुपये की खरीद का आदेश देने को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने रविवार को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को एक लाख करोड़ रुपये की खरीद का आदेश देने का ‘झूठ’ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि HAL का कहना है कि उसे ‘एक पैसा भी नहीं मिला.’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को ट्वीट करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी सरकार पर एक और निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया है. ‘जब आप एक झूठ बोलते हैं तो उसे छुपाने के लिए कई झूठ बोलने पड़ते हैं. राफेल डील को लेकर पीएम मोदी की झूठ को बचाने के चक्कर में रक्षामंत्री को संसद में झूठ बोलना पड़ा. सोमवार को रक्षामंत्री को संसद के सामने वो कागजात पेश करने चाहिए, जिसमें यह जिक्र हो कि सरकार ने HAL को एक लाख करोड़ रुपए के ऑर्डर दिए हैं या फिर इस्तीफा दें.

विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे के तहत HAL को एक ऑफसेट अनुबंध से वंचित कर दिया. सरकार इन आरोपों को खारिज कर चुकी है. उधर, भाजपा नीत एनडीए सरकार ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसने अपने शासनकाल में HAL का समर्थन नहीं किया और सरकार अब रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम को मजबूत कर रही है.

मीडिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी HAL वित्तीय संकट से जूझ रही है और अपने कर्मियों को तनख्वाह देने के लिए धन उधार लेने को मजबूर है. इसके बाद गांधी ने शनिवार को सरकार पर निशाना साधा था.

कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को ट्वीट किया, ‘झूठ बोलने वाली रक्षा मंत्री का पर्दाफाश हो गया. रक्षा मंत्री ने दावा किया था कि HAL को एक लाख करोड़ रुपये की खरीद के ऑर्डर दिए गए हैं. HAL का कहना है कि उसे एक पैसा तक नहीं मिला क्योंकि एक भी ऑर्डर पर हस्ताक्षर नहीं किए गए. पहली बार, HAL वेतन देने के लिए 1000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने को मजबूर है.’

सुरजेवाला ने उस मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह बात कही जिसमें कहा गया था, ‘एक लाख करोड़ रुपए में से HAL को एक पैसा भी नहीं मिला क्योंकि किसी आदेश पर हस्ताक्षर ही नहीं किए गए.’ HAL के वरिष्ठ प्रबंधक के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है.

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