मोदी की ज़िद के कारण सड़क पर हुई डिलीवरी, आगे बढ़ती तो मारी जाती


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राजकोट : गुजरात में अमरेली के जाफराबाद तालुका में लुंसापुर गांव के पास एक गर्भवती महिला को शेरों के झुंड के बीच ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. दरअसल महिला को लेकर जा रही एंबुलेंस को शेरों के एक झुंड ने घेर लिया था. अब आप पूछेंगे कि इस घटना का मोदी से कैसा नाता. मोदी कहां से बीच में आ गए. तो हम बताते हैं इसकी वजह. गिर के जंगलों में बेतहाशा बढ़ती बब्बर शेरों की संख्या के पीछे मोदी की ज़िद ही है.

मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब से देश के दूसरे टाइगर रिजर्व में शेरों को भेजने के खिलाफ लड़ते रहे हैं. यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा हारने के बाद भी गुजरात सरकार सुधर नहीं रही अब चूंकि केन्द्र में मोदी हैं तो केन्द्र सरकार भी चुप बैठ गई.  कूनो पालपुर अभ्यारण्य में बब्बर शेरों को लाने का यह मामला काफी पुराना है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कूनों में बब्बर शेरों को शिफ्ट करने का आदेश दिया. अब मध्यप्रदेश के मंत्री भी गुजरात के सुर में सुर मिला रहे हैं.

गिर के शेर कहीं और न जाएं इस जिद की वजह से गुजरात के इस हिस्से में उनकी संख्या काफी ज्याद बढ गई है. वो अक्सर 10 बारह के झुंड में घूमते मिल जाते हैं. इससे उनके प्राकृतिक आवासन पर भी बुरा असर पड़ रहा है.

फिलहाल लौटते हैं हादसे पर प्रसव पी़ड़ा शुरू होने के बाद महिला के घरवालों ने 108 नंबर पर आपातकालीन एंबुलेंस सेवा को फोन किया. बुधवार रात महिला को लेकर एंबुलेंस अस्पताल के लिए निकली लेकिन गांव से 3 करीब किलोमीटर की दूरी पर ही उसका सामना शेरों के एक झुंड से हो गया. इस झुंड के करीब 11 से 12 शेर सड़क पर ही थे और उन्होंने एंबुलेंस को घेर लिया.
आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के अमरेली जिले के प्रमुख चेतन गिढ़या ने बताया कि उन्होंने गाड़ी को रोक शेरों के हटने का इंतजार किया.

उनके मुताबिक इसका कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि शेरों का झुंड जाने को तैयार ही नहीं था. तब तक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के साथ रक्तस्राव भी शुरू हो गया. ऐसे में एंबुलेंस स्टाफ ने गाड़ी के भीतर ही प्रसव कराने का फैसला लिया. स्टाफ ने डॉक्टर से फोन पर संपर्क साधा और मिल रहे सुझावों के मुताबिक 25 मिनट में डिलीवरी कराने में सफलता हासिल की.
इस पूरे समय के दौरान शेर एंबुलेंस के चारों ओर चक्कर लगाते रहे. नवजात को बेबी वॉर्मर में रखने के बाद ड्राइवर ने एंबुलेंस को धीरे-धीरे आगे बढ़ाना शुरू किया. शेर भी सड़क से पीछे हटने लगे. कुछ मिनटों में ही उन्होंने रास्ता साफ कर दिया. गिढ़या ने बताया कि महिला और नवजात को जाफराबाद सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.