GST काउंसिल की बैठक में कालेधन वालों को राहत की खबर, जनता को मिला ठेंगा, सारी उम्मीदें बेकार निकलीं


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नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल की बैठक को लेकर पहले प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीदें जगाईँ. उसके बाद मीडिया हवा बनाने में जुट गया. अलग अलग चैनल और अलग अखबारों ने जीएसटी पर आज होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक को लेकर जबरदस्त उम्मीदें जगाईं. लेकिन जनता को निराशा ही मिली.

न तो किसी वस्तु पर जीएसटी कम किया गया न पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया गया. काउंसिल ने सामान्यस उपयोग की चीजों पर टैक्सय कम करने पर विचार तक नहीं किया. अभी तक उम्मीकद की जा रही थी कि ऐसी 60 चीजों पर टैक्सर कम किया जाएगा. उत्तीराखंड के वित्तम मंत्री प्रकाश पंत ने यही बयान दिया था. बाद में ये झूठा निकला.

छूट तो दूर काला धन रखने वालों के लिए ये बैठक अच्छी खबर लेकर आई. काउंसिल की बैठक में शामिल बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा कि पीएमएलए(Prevention of Money Laundering Act, 2002) एक्ट से सर्राफा कारोबार को बाहर कर दिया है. दूसरे शब्दों में कहें तो सोने चांदी में काला धन लगान पर जो लगाम लगाई गई थी. इस एक्ट में सोना खरीदने वाले लोगों का रिकार्ड व्यापारी को रखना था और बिना पैन नंबर के सोना भी नहीं बेचना था.

इससे पहले 9 सितंबर को हैदराबाद में सम्पान्नन जीएसटी काउंसिल की बैठक में सामान्यं उपयोग की चिन्हित 100 वस्तुपओं में से 40 चीजों पर टैक्सी कम करने का फैसला किया गया था और बाकी 60 चीजों पर दिल्लीह में सम्पयन्न  इस बैठक में टैक्सम कम करने संबंधी फैसला होने की उम्मीनद थी. लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ.

जीएसटी काउंसिल की बैठक से निकलकर पंत ने सफाई दी कि आज काउंसिल ने प्रशासनिक और प्रक्रियागत चीजों पर अधिक फोकस किया. काउंसिल का फोकस इस बात पर अधिक है कि यह टैक्सक व्ययवस्थाऐ अधिक कुशल हो.

अब चैनल मामूली से बदलावों को बड़ी राहत बताने में जुट गए हैं. केंद्र सरकार के इशारे पर शुक्रवार को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में सर्राफा कारोबारियों को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. साथ ही छोटे कारोबारियों को भी सरकार ने राहत दी है. काउंसिल ने कम्पाउडिंग स्कीम के नियमों में बदलाव करते हुए सीमा बढ़ा दी है.

कम्पाउडिंग स्कीम की सीमा 75 लाख से 1 करोड़ कर दी गई है. साथ ही व्यापारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की छूट दी गई है. अब डेढ़ करोड़ टर्नओवर वाले व्यापारी तीन महीने में रिटर्न दे सकते हैं. साथ ही रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को 31 मार्च  तक स्थगित कर दिया गया है .

लेकिन इससे किसी का क्या भला होना है