पकौड़े वालों लगेगा 10000 जुर्माना, नहीं माने तो होगी जेल


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नई दिल्ली : लीजिए अब पकौड़े वालों की भी मुसीबत शुरू हो गई. ठेली पटरी पर पकौड़े या अन्य सामान बेचने वाले अब उतना जुर्माना भरेंगे जितनी उनकी दुकान भी नहीं होती. बिल्डरों पर नरम रहने वाले प्राधिकरण का ये सख्त रवैया अचरज भरा है.

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अब सड़कों पर सामान बेचने, दुकान के बाहर सामान सजाने और मोबाइल कवर, मनिहारी का सामान बेचने या सड़क किनारे प्रेस करने जैसे छोटे मोटे सामान बेचने वालों पर सख्ती का फैसला किया है.

गोलगप्पे भेलपुरी टाइप छोटी दुकान लगाने वालो को भी अब 10 हज़ार रुपये जुर्माना देना होगा. अब तक ये जुर्माना 1000 रुपये था जिसे गरीब लोग देने का जोखिम ले लिया करते थे. लेकिन अब उनके लिए काम करना बेहद मुश्किल हो जाएगा. एक अनुमान के मुताबिक इस फैसले से ग्रेटर नोएडा के करीब 25 हज़ार रेहड़ी पटरी वालों के लिए रोज़ी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

इतना ही नहीं जुर्माना भरने के बावजूद अगर तीसरी बार चूक होती है तो सारा सामान जब्त कर लिया जाएगा और रेहड़ी मज़दूर के खिलाफ एफआईआर भी कर दी जाएगी. प्राधिकरण ने रेहड़ी पटरी वालों पर जुर्माने की रकम उतनी ही लगाई गई है जितनी करोड़ों रुपये के होर्डिंग माफिया के लिए तय है.

व्यापारियों का कहना है कि इससे कुछ नहीं होगा बस करप्शन बढ़ेगा. होर्डिंग वाले पहले ही अथॉरिटी में सेटिंग किए रहते हैं. रेहड़ी पटरी वाले मरेंगे जो दूर दराज से आकर सब्जी भाजी बेचते हैं और झुग्गियों में रहकर परिवार का पेट पालते हैं.