दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी रेटिंग एजेंसी ‘फिच’ का मोदी सरकार को झटका

नई दिल्ली :  पीएम मोदी की अगुआई में भारत की तरक्की की तस्वीर वैसी नहीं है जैसी बताई जा रही है. एक बार फिर दुनिया की तीन बड़ी रेटिंग एजेंसियों में में से एक फिच ने कहा कि भारत के जीडीपी ग्रोथ का उसने जो अनुमान किया था वो ज्यादा निकला. संस्था ने अब भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को कम कर दिया है. पहले संस्था मान रही थी कि ग्रोथ 6.9 रहेगी लेकिन अब उसने कहा कि ये इतनी नहीं रहेगी. बल्किन 6.7 तक जा सकती है.

संस्था ने ग्रोथ के मोर्चे पर भारत के प्रदर्शन को ‘लगातार निराशाजनक’ बताया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2017-18 में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.7 फीसदी रह सकती है, जबकि पहले यह 6.9 फीसदी रहने का अनुमान था।

2018-19के लिए भी घटाया ग्रोथ अनुमान

वहीं फिच ने 2018-19 के लिए ग्रोथ अनुमान को 10 बीपीएस यानी 0.10 फीसदी घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है, जबकि सितंबर के ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक (जीईओ) में रेटिंग एजेंसी ने ग्रोथ 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया था।

दो साल में जीडीपी ग्रोथ को मिलेगी रफ्तार

हालांकि फिच ने अनुमान जाहिर किया कि स्ट्रक्चरल रिफॉर्म का एजेंडा धीरे-धीरे लागू होने और लोगों की डिस्पोजल इनकम बढ़ने से अगले दो साल में जीडीपी ग्रोथ को रफ्तार मिलने का अनुमान है। एजेंसी ने अपने ताजा जीईओ में कहा, ‘हालांकि हमारी अनुमान की तुलना में ग्रोथ की मजबूती कमजोर रही है और हमने मार्च 2018 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ अनुमान को घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है, जबकि सितंबर के जीईओ में यह आंकड़ा 6.9 फीसदी रहा था।’

निराशाजनक रही ग्रोथः फिच

अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि हाल के क्वार्टर्स में ग्रोथ ‘लगातार निराशानजक’ रही है, इसकी वजह आंशिक तौर पर नवंबर में लागू हुई नोटबंदी और जुलाई, 2017 में जीएसटी का लागू होना रही है।

जुलाई-सितंबर 6.3%रही जीडीपी ग्रोथ

जुलाई-सितंबर क्वार्टर के दौरान भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी रही, जबकि पहले क्वार्टर में यह 5.7 फीसदी रही थी। जीडीपी में 0.6 फीसदी का यह उछाल इसलिए भी राहत भरा रहा है क्योंकि इसके पहले पिछले 5 क्वार्टर से जीडीपी ग्रोथ में लगातार गिरावट का दौर था। सेकंड क्वार्टर में आई तेजी की एक प्रमुख वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 7 फीसदी की ग्रोथ होना रहा है।

किसका क्या है अनुमान

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने फिस्कल ईयर 2017-18 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। वहीं, एशियन डेवलपमेंट बैंक ने फिस्कल ईयर 2017-18 के लिए जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी और इकोनॉमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट ने 6.7 फीसदी ग्रोथ रहने का अनुमान जताया है।