आखिर नकली नोट छापने के ब्लॉक और स्याही बीजेपी नेता को कहां से मिली?, जांच जारी

तिरुवनंतपुरम : भारत में 2000 रुपये का नया नोट चलन में आने के बाद नकली नोट छापने वाली पहली प्रिंटिंग प्रेस पकड़ी गई है. ये प्रेस बाकायदा प्रिंटिंग प्रेस है कोई स्कैनर जैसी मामूली चीज़ नहीं. इस प्रेस में बाकायदा वही टैक्नोलॉजी इस्तेमाल की जा रही थी जो नोट छापने में होती है. मशीन केरल के एक बीजेपी नेता के घर में थी और वहां नोटों को छापने का काम होता था. ताज़ा जानकारी के मुताबिक पुलिस अब ये पता लगाने में जुटी है कि नकली नोट छापने के ब्लॉक इस नेता को कहां से मिले. ये भी अचरज की बात है कि नोट छापने की स्याही इन लोगों ने कहां से हासिल की. श्री नारायाणपुरम इलाके में पुलिस ने छापेमारी कर ये सारी चीजें बरामद की गई.

 

इस मामले में पुलिस ने भाजपा नेता राकेश और उसके भाई राजेश को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस उन दोनों ने इस मामले में पूछताछ कर रही है.

 

शुरूआती जानकारी के मुताबिक पुलिस ने भाजपा नेता के घर से 1.35 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए है. पुलिस को ये रकम 20 रुपए, 50 रुपए, 500 रुपए और 2000 रुपए के नकली नोटों में मिले.

 

पुलिस को जानकारी मिली थी कि राजेश और राकेश नाम के नेता ने बहुत की कम समय में काफी संपत्ति बना ली है. उन्हें जानकारी मिली की ये लोग नकली नोटों के कारोबार में शामिल हो सकते है, जिसके बाद पुलिस ने छानबीन कर उसके घर में छापेमारी की और ऑपरेशन कुबेर को अंजाम दिया. पुलिस ने उनके घर से भारी मात्रा में नकली नोटों की गड्डियां बरामद की. अब उनसे इस बारे में पूछताछ की जा रही है.

 

केरल की वामपंथी सरकार की पुलिस को इसके लिए बधाई देनी चाहिए. क्योंकि ये अब तक का सबसे हाई प्रोफाइल नकली नोट बनाने का मामला है.