फर्ज़ीवाड़ा करके सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ रहे हैं बीजेपी नेता. ये रहे सबूत


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नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले में करीब एक हफ्ते से सांप्रदायिक तनाव की स्थिति है. इस तनाव का फायदा उठाने केलिए देश के बाकी हिस्सों में जमकर राजनीति हो रही है. चूंकि बवाल की वजह एक बच्चे का मोहम्मद साहब की तस्वीर पर किया गया पोस्ट था इसलिए हिंदू वादियों को भरपूर मौका मिलने वाला था. लेकिन मुस्लिम समाज और सैक्युलर सोच के लोगों ने वहां के मुसलमानों के इस हिस्से की इस हरकत की आलोचना की.

इससे बीजेपी और उसके सहयोगियों को सांप्रदायिक मसले उठाने का मौका नहीं मिल पाया. लेकिन मुद्दा है तो भुनाना भी है . बीजेपी के नेता इस मसले पर बार बार झूठी तस्वीरें डाल रहे हैं. ताकि माहौल को गरमाया जा सके. वो दंगे की को भयावह और हिंदू विरोधी बनाने के लिए तरह तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. अबतक ये काम पार्टी की सोशल मीडिया सेल फर्जी नामों से करती थी लेकिन अब खुद नेता करने लगे हैं.

पहला मामला हरियाणा की नेता विजेता मलिक का है. विजेता मलिक ने एक भोजपुरी फिल्म की तस्वीर ट्वीट की .इस तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा कि बंगाल में जो हालात हैं वो हिंदुओं के लिए चिंता का विषय हैं. हिंदुओं को सरेआम मारा जा रहा है. इस पर कोई कुछ नहीं बोल रहा न ही अवार्ड वापस हो रहा. और तो और राज्य सरकार भी हाथ पर हाथ रखे बैठी है.

हालांकि अब यह स्पाष्टै हो गया है कि यह तस्वीरर 2014 में रिलीज हुई ‘औरत खिलौना नहीं’ फिल्मल का एक सीन है. मुख्यंमंत्री ममता बनर्जी ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए शनिवार को कहा, ”फर्जी तस्वीरें और वीडियो फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.

इतना ही नहीं दिल्ली के फायरब्रांड बीजेपी नेता नूपुर शर्मा ने भी ममता पर हमला किया. उन्होंने दंगों में हिंदुओं पर हो रहे जुल्मों को दिखाने केलिए गुजरात दंगों की तस्वीर पोस्ट की.

इस तस्वीर के साथ उन्होंने लोगों से पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन में भाग लेने की अपील की थी. शर्मा ने जिस तस्वीर को पोस्ट किया था उस पर लिखा था कि पश्चिम बंगाल में शांति और गरिमा का हर मोर्चे पर क्षरण हुआ है. तस्वीर में एक गाड़ी को जलते हुए दिखाया गया है और उसके आस-पास दंगाइयों की भीड़ दिख रही है. शर्मा के ट्वीट के बाद बड़ी संख्या में ट्विटर यूजर्स ने उन पर गलत तस्वीर के माध्यम से नफरत भड़काने का आरोप लगाया.

संगीतकार विशाल डडलानी ने भी नूपुर शर्मा के ट्वीट पर तीखा जवाब दिया. उन्होंने लिखा, ‘2002 के गुजरात दंगे की तस्वीरों का इस्तेमाल बंगाल में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए हो रहा है. इस अकाउंट की रिपोर्ट क्यों नहीं की गई/अकाउंट को बंद क्यों नहीं किया गया है.’

इससे पहले अरुंधति रॉय के झूठे बयान के आधार पर परेश रावल भी उन्हें आर्मी जीप से बांधने की सलाह दे चुके हैं.