ये है मिस वर्ल्ड के खिताब की अंदर की कहानी, खूबसूरती के लिए जीभ सिल देते हैं, आंत काट देते हैं

नई दिल्ली :  नॉकिंग न्यूज़ ने खबर दी थी कि किस तरह मानुषी छिल्लर की स्माइल डिजाइन करने में डेंटिस्ट शरद ने दो महीने तक मेहनत की. अब हम आपको बता रहे हैं एक बेहद कड़वी हकीकत. दरअसल जिन्हें हम अप्रतिम सुंदरी कहते हैं. वो कुछ और नहीं बल्कि हाड़ मांस की डिजाइनर मूर्तियां होती हैं. उनकी अपनी सोच नहीं होती बल्कि वो रटे रटाए डायलॉग बोलती हैं और अपनी मर्ज़ी से चुने जाने के बाद भी एक साल तक एक भी शब्द बोलने की उन्हें इजाजत नहीं होती.

हर चुनी हुई लड़की का आयोजक कंपनी से एक कांट्रेक्ट होता है. पूरे एक साल तक इस कांट्रेक्ट के रहते उनकी एक एक हरकत और एक एक बयान पर ये कंपनी नजर रखती है. उन्हें उद्घाटन करने से लेकर विचार व्यक्त करने और भाषण देने तक इजाजत की ज़रूरत होती है.

सबसे दर्दनाक होती है हाड़मांस की डिजाइनर गुड़िया तैयार करने की प्रक्रिया. आपके समझाने के लिए हम वेनेजुएला का उदाहरण लेते हैं. इस देश से कम से कम 6 मिस वर्ल्ड, 7 मिस यूनिवर्स, 7 मिस इंटरनेशनल और 2 मिस अर्थ चुनी जा चुकी हैं…

दुनिया को कई खूबसूरत सितारे देने वाले देश का नाम है- वेनेजुएला. कुछ महीने पहले यह देश गंभीर आर्थिक संकट की वजह से चर्चा में रहा था. लेकिन इसकी पहचान ब्यूटी इंडस्ट्री को लेकर सालों पहले से रही है.

रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि ब्यूटी इंडस्ट्री के पीछे का सच बेहद बदसूरत है है. यहां लड़कियों पर ‘ब्यूटी क्वीन’ बनाने के लिए भारी दबाव बनाया जाता है और उनके साथ दर्द देने वाला व्यवहार किया जाता है.

डेली मेल की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि यहां लड़कियों को तैयार करने के लिए बचपन से उन पर जुल्म किया जाता है. खासकर गरीब परिवार के लोग समझते हैं कि बेटियां खिताब जीत ले तो उनकी जिदंगी बेहतर हो जाएगी. यहां 4 साल तक की लड़कियों को फैशन स्कूल भेजा जाने लगता है. फैशन इंडस्ट्री से जुड़े लोग गरीब परिवारों को ऐसा करने के लिए लालच भी देते हैं.

लड़कियों की सर्जरी के अलावा, बट इंजेक्शन, स्लिम बॉडी के लिए इंजेक्शन भी दिए जाते हैं. कई बार जीभ में प्लास्टिक सिल दी जाती है. कई लड़कियों के पेट की आंत तक काट दी जाती है, जिससे उन्हें ज्यादा भूख न लगे और वे स्लिम रहें.

रिपोर्ट के मुताबिक, 12 साल तक की लड़की का बट इम्प्लांट किया जाता है. वेस्ट को दर्द देने वाले स्ट्रैप से कई हफ्तों के लिए क्रश किया जाता है. वजन घटाने के लिए लड़कियों के पैरेंट्स दबाव बनाते हैं.

ये वेनेजुएला की मीडिया की हकीकत है लेकिन पूरी दुनिया मे मिस वर्ल्ड हो या मिस यूनीवर्स कुदरती खूबसूरती और बुद्धिमता इसका कारण नही होती . सबकुछ कॉस्मेटिक होता है दिखावे के लिए तैयार किया जाता है.

ये लड़कियां खिताब जीतने के बाद महंगी मॉडल का खिताब पाती हैं और इनके मॉडलिग असाइनमेंट से आयोजक कंपनियां करोड़ों कमाती हैं. जब तक कॉन्टेक्ट खत्म होता है ये खिताब पुराने हो चुके होते हैं और नयी मिस वर्लड या मिस यूनीवर्स चुन जाती हैं. यानी कारोबार एक अदद महंगी म़ॉडल तैयार करने का है. ये किसी महिला के व्यक्तित्व का सम्मान नहीं होता बल्कि उस पुतले का सम्मान होता है जिसे तराशकर बिकाऊ बना दिया जाता है.