2019 चुनाव के लिए कैंब्रिज एनालिटिका का काग्रेस के लिए है ये प्रस्ताव, राहुल गांधी ने ठुकराया

नई दिल्ली : फेसबुक डाटा लीक केस में फंसी यूके की कैम्ब्रिज एनालिटिका (सीए) कंपनी कांग्रेस पार्टी के लिए काम करने की कोशिश करती रही है लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उसे हर बार ठुकरा दिया. कैम्ब्रिज एनालिटिका ने कांग्रेस को बाकायदा चुनाव प्रचार का एक प्रपोजल बनाकर दिया था 50 पेज के इस प्रस्ताव में 2019 के लोकसभा चुनाव और इसी साल कर्नाटक, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार की पूरी रूप रेखा बतायी गई थी लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इसे ठुकरा दिया.

कैंब्रिज एनालिटिका ने 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 403 में से 325 सीटों पर जीत के बाद ये प्रस्ताव तैयार किया था. इसमें बीजेपी और कांग्रेस के प्रदर्शन का अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार की गई थी. रिपोर्ट के पहले दस पन्नों में इसका जिक्र है. इसमें लिखा है कि सीए कांग्रेस को होने वाले लोकसभा चुनाव और तीन राज्यों के चुनावों किस तरह का सपोर्ट दे सकती है.

रिपोर्ट के शुरुआती दो पन्नों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी तस्वीरें लगी हैं. इसमें लिखा है, ‘भविष्य का परिवर्तन’. इस प्रस्ताव में कांग्रेस के 2014 का लोकसभा चुनाव हारने का कारण भी बताया गया है.

प्रस्ताव में लिखा है कि 2014 में कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए बीजेपी ने बेहद शातिर तरीके से उसे बदनाम किया . करप्शन को बड़ा मुद्दा बनाने में बीजेपी ने कैसे रणनीति बनाई. इसके साथी ही नियोजित तरीके से भारत की वित्तीय और आर्थिक स्थिति खराब होने का जिम्मा कांग्रेस पर थोपा गया.

कैंब्रिज एनालिटिका ने बताया कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के लिए किस तरह के हथकंडे अपनाए. चुनाव के 18 महीने पहले बीजेपी ने व्यापक तौर पर तेजी से डिजिटल मार्केटिंग शुरू कर दी और यह 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव तक लगातार जारी रही.

प्रस्ताव की मुख्य बातें

प्रस्ताव में यह भी बताया गया है कि देश में 2015 तक 350 मिलियन स्मार्टफोन यूजर्स हैं और 2016 तक 195 मिलियन यूजर्स फेसबुक से जुड़े हैं. 2020 तक भारत के 700 मिलियन लोग स्मार्टफोन प्रयोग करने लगेंगे. इसका फायदा कांग्रेस के पक्ष में उठाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका क्या कर सकती है.

हालांकि कांग्रेस पार्टी ने कंपनी के साथ किसी तरह के वित्तीय लेन-देन से इनकार किया है. कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक नामी अखबार को बताया कि कंपनी उन लोगों के पास पंद्रह साल पहले प्रस्ताव लेकर आई थी. उसके बाद से वे लगातार प्रस्ताव देते हैं. हो सकता है कि कंपनी की तरफ से कोई कांग्रेस में किसी से मिला हो और अपना प्रस्ताव दिया हो लेकिन कंपनी के साथ कांग्रेस की कभी कोई डील नहीं हुई है.