नोएडा एक्सेंशन में बिल्डर की अवैध इमारत गिरी, कई लोग फंसे, अब तक तीन की मौत

ग्रेटर नोएडा वेस्ट से सटे शाहबेरी में मंगलवार रात एक चार मंजिला और एक छह मंजिला निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई. मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. चार मंजिला बिल्डिंग में कुछ परिवार रह रहे थे, जबकि निर्माणाधीन बिल्डिंग में कई मजदूर मौजूद थे. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी NDRF ने अभी 3 लोगों की मौत की पुष्टि की है. सभी मजदूर बताए जा रहे हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है. इस बीच पुलिस ने बिल्डिंग बनाने वाले दोनों बिल्डरों को हिरासत में ले लिया है.

मेरठ रेंज के आईजी राम कुमार ने कहा, ‘मलबे को सावधानी के साथ उठाया जा रहा है, जिससे जो ज़िंदा हैं, उन्हें निकाला जा सके. अभी तक 3 मजदूरों के शव मिले हैं. यह निर्माणाधीन बिल्डिंग है इसलिए फंसे हुए लोगों में भी ज्यादा संख्या मजदूरों के ही होने की संभावना है. स्थानीय लोगों से यही पता चला है कि कुछ मजदूर अपने परिवार के साथ निर्माणाधीन बिल्डिंग में रह रहे थे. अभी 24 घंटे तक और राहत और बचाव कार्य चल सकता है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.’

रेस्क्यू में जुटी NDRF टीम के कमांडेंट पी के श्रीवास्तव ने कहा कि खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है. ऐसा लग रहा है कि इसमें किसी के बचने की उम्मीद कम है. खोजी कुत्तों की सूंघने की ताकत बहुत अधिक होती है और वह ज़िंदा लोगों तक तुरंत पहुंता देते हैं, लेकिन अब ऐसे संकेत नहीं मिल रहे.

सीएम योगी आदित्यनाथ  ने घटना के जांच के आदेश दिए. केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यु ऑपरेशन का जायजा लिया. घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी ओपी सिंह से हालात पर बात की. डीजीपी के अनुसार, ‘NDRF की टीम, जिला प्रशासन, पुलिस मौके पर मौजूद हैं और मुस्तैदी से रेस्क्यु ऑपरेशन अंजाम दिया जा रहा है.’

महेश शर्मा ने कहा कि अभी प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की है, दोषी कौन लोग हैं यह बाद का विषय है. घटना रात के करीब 9 बजे की है. संकरी गली होने के कारण NDRF  की टीम और ऐम्बुलेंस को पहुंचने में भी काफी वक्त लग रहा है. घटनास्थल पर मौजूद एनबीटी संवाददाता ने बताया कि काफी मशक्कत के बाद एक जीसीबी और ऐम्बुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई. देर रात करीब 1.30 बजे ही रेस्क्यु ऑपरेशन ठीक तरह से शुरू हो सका.

ऐसे हुआ हादसा

मंगलवार की रात 9 बजे के करीब एक 6 मंजिला और एक 4 मंजिला बिल्डिंग ढह गई. पुराने टावर में कम से कम 10 परिवार रहते थे. घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ‘एक बिल्डिंग बेहद जर्जर हालत में थी, जबकि दूसरी बिल्डिंग निर्माणाधीन थी. ‘

अवैध निर्माण का नतीजा है हादसा?

बता दें कि शाहबेरी की जमीन का अधिग्रहण ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने किया था. इसके विरोध में ग्रामीण कोर्ट पहुंच गए थे. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद शाहबेरी का जमीन अधिग्रहण रद्द कर दिया गया था. इसके चलते बिल्डरों को अपने प्रॉजेक्ट शिफ्ट करने पड़े. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इस एरिया में निर्माण कार्य पर रोक लगाई हुई है. इसके बावजूद यहां बड़ी संख्या में अवैध निर्माण हो रहा है. यहां किसानों से जमीन लेकर कई-कई मंजिला इमारतें बना दी गईं हैं. फ्लैट बनाकर लोगों को बेचा जा रहा है. लोगों को बताया जा रहा है कि यह जमीन ग्रेनो के सेक्टर 4 में है. साथ ही फ्रॉड के भी कई मामले सामने आ चुके हैं. किसानों ने अभी तक ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का मुआवजा भी वापस नहीं किया है.

मानकों का किया गया उल्लंघन

बताया जा रहा है कि इसी जमीन पर कॉलोनाइजर ने अवैध बिल्डिंग का निर्माण किया था. इसमें सेफ्टी नियमों का ध्यान नहीं रखा गया. घटिया निर्माण सामग्री लगाई गई और मानकों का उल्लंघन किया गया. मंगलवार रात यह बिल्डिंग भरभराकर गिर गई. उस समय बिल्डिंग में काफी मजदूर मौजूद थे. घटना के बाद मौके पर भगदड़ मच गई. आसपास के लोग भी मौके पर पहुंचे. बताया जा रहा है कि मलबे में काफी लोग दबे हुए हैं. घायलों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

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