हज यात्रा खत्म करने वाली बीजेपी ईसाइयों को मुफ्त येरुशलम भेजने की तैयारी में

नई दिल्ली: भारत में चुनाव कानून कहता है कि धर्म और जाति के नाम पर आप वोट नहीं मांग सकते. बीजेपी पहले भी कह चुकी है कि वो धार्मिक सब्सिडी के खिलाफ है. हज यात्रा पर जो सब्सिडी मिलती थी उसपर भी वो कैची चला चुकी है. लेकिन देश बदलते ही भेस बदलने वाली बीजेपी ने नगालैंड में इसाइयों को मुफ्त में यरुशलम की यात्रा कराने का वादा किया है. कायदे से इसके लिए पार्टी की मान्यता रद्द होने का नियम है लेकिन विरोधी कांग्रेस भी ऐसा ही वादा कर रही है. वो कह रही है कि सब्सिडी देंगे. इसलिए कोई और अपील करेगा नहीं करेगा तो सुनी नहीं जाएगी. राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की ओर से ट्रिप में सब्सिडी देने का वादा किया गया है.

द हिंदू के मुताबिक नगालैंड बीजेपी प्रवक्ता जेम्स विजो का कहना है, ‘अगर हमारी पार्टी जीतती है तो हम कुछ वरिष्ठ नागरिकों को यरूशलम भेजने की योजना बना रहे हैं. हमारे वरिष्ठ नागरिकों के लिए तीर्थयात्रा मुक्त हो सकती है, लेकिन इस पर बाद में काम करने की जरूरत है.’ बता दें कि नगालैंड में बीजेपी क्षेत्रीय दल नेशनलिस्ट डेमक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.

वहीं कांग्रेस की ओर से इस ट्रिप में सब्सिडी देने का ऐलान किया गया है. पार्टी के घोषणापत्र में कहा गया है, ‘राज्य सरकार के एक अधिनियम द्वारा एक बोर्ड का गठन किया जाएगा जो अल्पसंख्यकों को पवित्र स्थानों की यात्रा में सब्सिडी मुहैया कराने के लिए काम करेगा.’ रिपोर्ट्स के मुताबिक पवित्र स्थान की मुफ्त यात्रा करवाने का बीजेपी का कदम बैप्टिस्ट चर्च की चेतावनी को देखते हुए उठाया गया है.

बता दें कि नगालैंड में बैप्टिस्ट चर्चों की सर्वोच्च संस्था नगालैंड बैपटिस्ट चर्च परिषद (एनबीसीसी) ने नगालैंड की सभी पार्टियों के अध्यक्षों के नाम एक खुला खत लिखा था. इस खुले खत में लोगों से बीजेपी को वोट न देने की बात कही गई थी. इसमें लिखा गया था कि 2015-2017 के दौरान आरएसएस समर्थित भाजपा सरकार में भारत ने अल्पसंख्य समुदायों के लिए में सबसे बुरा अनुभव किया है.

एनबीसीसी के महासचिव ने कहा था, ‘हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में आरएसएस की राजनीतिक शाखा बीजेपी के सत्ता में रहने की वजह से हिंदुत्व का आंदोलन अभूतपूर्व तरीके से मजबूत और आक्रामक हुआ है.’