हत्या के मामले में बीजेपी का मीडिया प्रभारी गिरफ्तार, कलीमुद्दीन की हत्या का केस

झारखंड : मोदी की अपील के बाद  बीफ के शक के चलते मो. अलीमुद्दीन की हत्या करने के मामले में बीजेपी के नेता को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी बीजेपी की मीडिया सेल का प्रभारी था. अब तक इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ़्तार शख़्स में एक का नाम नित्यानंद महतो है. नित्यानंद रामगढ़ बीजेपी यूनिट का मीडिया प्रभारी भी है. नित्यानंद को शनिवार को पुलिस ने स्थानीय बीजेपी के दफ़्तर से गिरफ़्तार किया. कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस नित्यानंद को बीजेपी दफ्तर से घसीटकर बाहर निकालकर लाई.

कहा जा रहा है कि 29 जून को उस भीड़ में ये शख़्स भी शामिल था जिस भीड़ ने मोहम्मद अलीमुद्दीन की हत्या कर दी थी और बस इस शक में कि अलीमुद्दीन की वैन में बीफ़ है. इस हत्या के बाद रामगढ़ में जमकर हंगामा हुआ. गाड़ियां जलाई गईं. शहर में धारा 144 लगाई गई.

पुलिस का कहना है कि आरोपी और अलीमुद्दीन पहले से एक-दूसरे को जानते थे और ये मामला आपसी रंजिश का है. अलीमुद्दीन की पत्नी मरीयम ख़ातून ने 12 लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराया है. इसमें 9 अब भी फ़रार हैं. वैसे राज्य सरकार ने मामले को बिगड़ता देख मृतक के परिवार को दो लाख के मुआवजे का एलान कर दिया है लेकिन परिवार कार्रवाई चाहता है.

बता दें कि सीएम रघुवर दास ने रामगढ़ और गिरिडीह मामले की त्वरित जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही सीएम ने शुक्रवार को देवघर में ये ऐलान किया है कि बीफ़ से जुड़ी किसी मामले के सामने आने पर स्थानीय पुलिस स्टेशन के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया जाएगा.

जानकारी  के लिए बता दें कि जिस बीजेपी नेता को गिरफ्तार किया गया है उसे वीडियो फुटेज में अलीमुद्दीन को वैन से निकालते हुए देखा गया है. बाकी अन्य लोगों के खिलाफ वारंट जारी है. पुलिस का कहना है कि अगर यह लोग 48 घंटों में गिरफ्तार नहीं होते या फिर सरेंडर नहीं करते तो इनके खिलाफ कुर्की का काम किया जाएगा. पुलिस को बाकी लोगों की तलाश है. कहा जा रहा है कि इन लोगों का संबंध बजरंग दल और गोरक्षा दल से है.

 

उल्लेखनीय है कि अलीमुद्दीन उर्फ असगर अंसारी एक मारुति वैन में मांस ले जा रहा था. तभी किसी ने अफवाह फैला दी कि वैन में बीफ है. लोगों के एक समूह ने बाजरटांड गांव में असगर को रोका और उस पर बेरहमी से हमला कर दिया उसकी वैन में आग लगा दी. पुलिस ने उसे भीड़ से बचाया और अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

इससे ठीक पहले गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने भीड़ की हिंसा को गलत ठहराते हुए गुजरात में कहा था कि गोरक्षा के नाम पर हिंसा क्यों?