12 महीनों में इकनॉमी को 19.49 लाख करोड़ रुपए की लग चुकी चपत, रुपये की हालत भी पतली

देश की अर्थव्यवस्था को पिछले एक साल में लगभग 19.49 लाख करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है. डॉलर के मुकाबले रुपया भी खासा कमजोर हुआ और शेयर बाजार की हालत भी पतली नजर आई. ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी डॉलर की तुलना में देश के मार्केट कैपिटलाइजेशन (एम कैप) में लगभग 12 फीसदी (19.49 लाख करोड़) की गिरावट आई.

तुलना करें तो डॉलर के मामले में सेंसेक्स में चार फीसदी की गिरावट आई, जबकि स्थानीय मुद्रा (रुपया) में सेंसेक्स में छह फीसदी का उछाल दर्ज हुआ. रुपए में आई कमजोरी और व्यापक स्तर पर बाजार के हालात से मार्केट कैप से पैसा बाहर चला गया. फरवरी 2018 के बाद से रुपए में डॉलर के मुकाबले 10 फीसदी की गिरावट आई.

उसी बीच, बाजार आधारित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के मिड कैप और स्माल कैप सूचकांक में भी क्रमशः 14 और 24 प्रतिशत की कमी आई.

क्या होता है मार्केट कैपिटलाइजेशन?: 

यह एम कैप के नाम से भी जाना जाता है. कंपनी की आउटस्टैंडिग शेयर की बाजार में कुल वैल्यू ही एम कैप कहलाती है. यानी कि बाजार में उस कंपनी के शेयर की कीमत क्या है. मसलन बाजार में कंपनी के एक शेयर की कीमत 20 रुपए है, तब उसकी मार्केट कैप 2000 करोड़ रुपए (20*100 करोड़) होगी.

वाहन शेयरों में भारी बिकवाली, 151 अंक टूटा सेंसेक्सः 

बीएसई में सोमवार (11 फरवरी, 2019) को गिरावट का सिलसिला जारी रहा. मिले-जुले कारोबार के में सेंसेक्स 151 अंक और निफ्टी 10,900 अंक नीचे बंद हुआ. वैश्विक बाजारों में तेजी का असर स्थानीय बाजारों पर नहीं दिखा. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 36,588.41 से 36,300.48 अंक के दायरे में घूमने के बाद अंत में 151.45 अंक या 0.41 प्रतिशत के नुकसान से 36,395.03 अंक पर बंद हुआ. इससे पिछले दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 429 अंक टूटा था.

निफ्टी भी 50 अंक नीचे उतराः 

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 49.80 अंक या 0.50 प्रतिशत के नुकसान से 10,888.80 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान निफ्टी 10,857.10 अंक के निचले स्तर तक आया तथा 10,930.90 अंक के उच्चस्तर तक गया. (courtsey – jansatta)

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