सावधान : कल फिर दलितों का भारत बंद, घर से निकलने से पहले चैनल देखें


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कल घर से थोड़ा सावधान होकर निकलें. कल फिर देश भर में दलितों का भारत बंद है. आपको याद होगा कि पिछली बार देश भर में व्यापक हिंसा फैली थी. अॉल इंडिया अंबेडकर महासभा के साथ ही कुछ अन्य दलों ने खुद को इस बंद से अलग कर लिया है. बावजूद इसके जहां-जहां बंद से सरगर्मी के आसार हैं पुलिस-प्रशासन मुस्तैदी का दावा कर रहा है.

भारत बंद आह्वान को देखते हुए पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. साथ ही प्रशासन की ओर से रेलवे, हवाई अड्डों, प्रमुख धार्मिक स्थलों पर कड़े सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं. बंद को देखते हुए मध्य प्रदेश पुलिस भी हाई अलर्ट पर है. कई जिलों में प्रशासन ने धारा-144 लगा दी है. बता दें, पिछली बार दलित संगठनों के भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के भिंड सहित कुछ इलाकों में भारी हिंसा हुई थी.

दलित समुदाय केंद्र सरकार पर अपनी मांगों के लिए दबाव डाल रहा है और अपना संदेश सरकार तक पहुंचाने के लिए समुदाय के कार्यकर्ता आज दिल्ली के कनॉट प्लेस समेत कई व्यस्त सड़कों, बाजारों में प्रदर्शन और रैलियां करेंगे.

सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलाने वालों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं. डीआईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि गुरुवार (9 अगस्त) को भारत बंद जैसी स्थिति नहीं है लेकिन कुछ संगठनों की अपील को देखते हुए व्यापक सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. सावन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में ज्यादा भीड़ होती है, इसलिए वहां पहले से फोर्स अलर्ट है. इन जिलों में पीएसी के अलावा केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती भी है.

विभिन्न संगठनों द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर आज बुलाए गए भारत बंद को लेकर शासन ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिलने के बाद यह निर्देश दिए गए हैं. पहले यह बंद एससी एसटी से संबंधित मामलों में तुरंत गिरफ्तारी के संबंध में एक्ट में बदलाव की मांग को लेकर बुलाया गया था. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा संसद सत्र में इस एक्ट में बदलाव को लेकर लाए गए बिल के बाद यह मुद्दा खत्म हो गया था. लेकिन सोशल मीडिया पर चल रहे संदेशों को लेकर खुफिया एजेंसियां आशंकित हैं.

अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग संगठनों द्वारा अलग अलग मुद्दों पर बुलाए गए बंद को लेकर खुफिया एजेंसियों ने पुलिस और प्रशासन दोनों को सतर्क किया है. आपको बता दें कि दलितों ने पिछला भारत बंद बीते 2 अप्रैल को किया था और इसका अच्छा खासा असर देखने को मिला था.

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