कॉल ड्रॉप से छुटकारा दिलाएगा ये एप, सरकार की नयी पहल


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नई दिल्ली : कॉल ड्राप एक बड़ी समस्या है और टेलीकॉम कंपनियां इसके ज़रिए लोगों को मोटा चूना लगाती रहती हैं. इसकी शिकायत करने का जिम्मा उपभोक्ता के सिर होने के कारण अक्सर लोग शिकायत नहीं करते. नतीजा ये हुआ है कि सरकार और ट्राई ‘कॉल ड्रॉप’ की समस्या से निपटने के लिए साझा रूप में काम करना शुरू किया है. इस समस्या को देखते हुए भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण ने पिछले दो-तीन दिनों में कई कदम उठाए हैं. ट्राई ने उपभोक्ताओं के लिए तीन नए एप ‘माइ कॉल एप’, ‘माइ स्पीड एप’ और ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ लॉन्च किए हैं. अब यूज़र्स रेटिंग के साथ ही नॉयस, ऑडियो डिले और कॉल ड्रॉप जैसी समस्या के बारे में अतिरिक्त जानकारी ट्राई से साझा कर सकते हैं.

सरकार इस क्षेत्र में बेहतरी लाने के लिए सतत प्रयास में है. ट्राई ने एक बयान में बताया, ‘इस एप से मोबाइल फोन उपयोक्ता उनकी वॉयस कॉल की गुणवत्ता के बारे में वास्तविक समय में अपने अनुभव को साझा कर सकते हैं. इससे ट्राई को ग्राहकों के अनुभव और नेटवर्क की गुणवत्ता के बारे में आंकड़े जुटाने में मदद मिलेगी.’ ट्राई के द्वारा उठाए गए ताजा कदमों से उपभोक्ताओं और मोबाइल कंपनियों के बीच अधिक पारदर्शिता आ सकती है.

लॉन्च हुए जरूरी एप

‘माइ कॉल एप’ के जरिए उपभोक्ता वॉयस कॉल की गुणवत्ता के बारे में अनुभव को साझा कर सकेंगे. ट्राई ने उपभोक्ताओं के अनुभव और नेटवर्क की गुणवत्ता को लेकर आंकड़े जुटाने के मकसद से ये नई पहल शुरू की है. इस एप में हर बार कॉल के कट होने के बाद उपभोक्ता के फोन पर एक पॉप-अप नोटिफिकेशन आएगा, जिसमें ग्राहकों से कॉल की गुणवत्ता के बारे में अनुभव साझा करने का आग्रह किया जाएगा. उपभोक्ता स्टार के रूप में अपनी रेटिंग दे सकते हैं. वहीं ‘माइ स्पीड एप’ उपयोगकर्ताओं की शिकायत के बिना भी सभी सेवाओं का डेटा ट्राई तक पहुंचाएगा. ट्राई के मुताबिक ये टेस्टिंग बहुत ही कॉम्पैक्ट और यूज़र के लिए फ्री है. इससे यूज़र न सिर्फ सर्विस को रेट कर सकता है, बल्कि फीडबैक एप के माध्यम से ट्राई को भेज सकता है.

‘डू नॉट डिस्टर्ब’ एप के जरिए स्मार्टफोन यूजर्स को अपने मोबाइल नंबर को डीएनडी के तहत रजिस्ट्रेशन करने के बाद अनचाहे मैसेज और कॉल से बचने में मदद मिलेगी. साथ ही ट्राई ने एक नई वेबसाइट भी लॉन्च की है. ट्राई ने इसके साथ ही दूरसंचार कंपनियों से कहा है कि वह अपने ग्राहकों को कम से कम ऐसे इंटरनेट प्लान की पेशकश करें जिसकी वैधता एक साल तक हो. पिछले साल ही ट्राई ने मोबाइल कंपनियों को मोबाइल डाटा पैक की वैधता को 90 दिन से बढ़ा कर 365 दिन करने की अनुमति दे दी थी. ट्राई के मुताबिक इससे देश में इंटरनेट उपयोग करने वाले ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी.

ट्राई ने पिछले महीने जारी किया सर्वे

पिछले कुछ समय से सरकार और टेलीकॉम ऑपरेटर कॉल ड्रॉप में कमी का दावा करते आ रहे हैं. ट्राई ने पिछले महीने ही एक सर्वे रिपोर्ट जारी की थी. सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि ‘लगभग 62.5 प्रतिशत उपभोक्ता कॉल ड्राप की समस्या से परेशान हैं.’ यह सर्वे किसी और ने नहीं बल्कि खुद दूरसंचार विभाग ने करवाया था. इस सर्वे में 2 लाख 20 हजार 935 ग्राहकों से पूछताछ की गई थी. इनमें से 1 लाख 38 हजार 72 ग्राहकों ने कॉल ड्रॉप की शिकायत की थी.

ऑटोमेटेड कॉल सर्विस अथवा इंटीग्रेटेड वॉयस रिस्पांस सिस्टम द्वारा 23 दिसंबर 2016 से 28 फरवरी 2017 के दौरान किए गए सर्वे में ग्राहकों से मोबाइल कॉल्स की गुणवत्ता के बारे में सीधे फीडबैक लिए गए थे. इस दौरान आइवीआरएस की ओर से देश भर में समस्त दूरसंचार सेवा प्रदान करने वाले टेलीकॉम ऑपरेटर्स से जुड़े ग्राहकों को 16 लाख 61 हजार कॉल्स कर उनसे उनका अनुभव जानने के लिए सवाल पूछे गए. ग्राहकों के जवाब से पता चला था कि कॉल ड्राप की समस्या घरों और दफ्तरों के भीतर सबसे ज्यादा गंभीर है.