शादी से भी कम लोग पहुंचे अमित शाह की रैली में, 2019 में क्या होगा बाबा?

नई दिल्ली : हरियाणा में 2019 में बीजेपी की क्या हालत होने वाली है इसका अंदाज़ा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रैलियों को मिल सरे समर्थन से लगाया जा सकता है. जींद में शाह ने आयोजित तो हुंकार रैली की थी लेकिन जो भीड़ जुटी उससे हुंकार रैली का हाल सिसकियों वाली रैली जैसा लगता है. एकसत्तासीन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली में जितने लोग आए उससे ज्यादा तो किसी छोटी मोटी शादी में आ जाते हैं.

जानकार कहते हैं कि डेरा सच्चा सौदा समर्थकों का गुस्सा बीजेपी की रैलियों की दुर्गति के रूप में सामने आ रहा है. हरियाणा के अंदर राम रहीम के समर्थकों की भारी तादाद किसी से भी छुपी नहीं है. वहीं आरक्षण के मुद्दे को लेकर जाट समुदाय से चल रही टकराव की धमक भी जीन्द रैली में स्पष्ट सुनाई दी और इस समुदाय के ज्यादातर लोगों ने रैली से दूरी बनाकर रखी. जिस हिसाब से डेरा समर्थकों और जाटों की भाजपा से नाराजगी पनप रही है उसके जल्द दूर होने के आसार भी नहीं लगते.

जीन्द का राजनीतिक इतिहास रहा है कि जहां पर चुनावों से पहले अधिकांश पार्टियां अपनी रैलियां करके चुनावी शंखनाद करती हैं. भाजपा ने भी इस क्रम में बाजी मारी. अमित शाह ने जीन्द की रैली में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं को हाथ ऊपर उठवाकर बंद मुठ्ठी करके दो बार संकल्प करवाया कि आगामी लोकसभा चुनावों में सभी 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा को जीत दिलवाएंगे.