पीएफ में अपना आधार जुड़वाने का आखिरी मौका, इसके बाद होगा भारी नुकसान

नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने 4 करोड़ से ज्यादा अंशधारकों के लिए आधार नंबर देने की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च कर दी है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े खाताधारकों और पेंशनरों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य हो चुका है. ईपीएफओ ने खाताधारकों और पेंशनरों को 31 मार्च तक अपना आधार नंबर या उसके लिए आवेदन का सबूत जमा करने का निर्देश दिया है. नए नोटिफिकेशन के तहत यदि कोई खाताधारक अपना आधार नंबर नहीं दे पाता है तो उसके खाते में सरकार से मिलने वाली सहायता बंद हो जाएगी.

अगर आपने अब तक अपना पीएफ खाते को आधार कार्ड से नहीं जोड़ा है तो 31 मार्च से कर लें क्योंकि आधार कार्ड जमा करने की तारीख अब 28 फरवरी से बढ़ाकर 31 मार्च कर दी गई है. यानी 31 मार्च तक आप अपना आधार नंबर ईपीएफओ में दे दें. आधार से जुड़े डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को देने की तारीख भी बढ़ाकर 31 मार्च, 2017 कर दी गई है. दरअसल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने खाताधारकों और पेंशनरों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य बना दिया गया है. संगठन ने जनवरी में उसकी योजनाओं के तहत लाभ जारी रखने को अंशधारकों द्वारा आधार नंबर को देना अनिवार्य कर दिया था.

ईपीएफओ के अपने 120 से अधिक फील्ड कार्यालयों को दिए आधिकारिक आदेश में कहा, ‘‘यह सूचित किया जाता है कि कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के सभी सदस्यों को अपना आधार नंबर सत्यापन 31 मार्च, 2017 तक या उससे पहले देना होगा.’’ इसके अलावा आधार से जुड़े डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को देने की तारीख भी बढ़ाकर 31 मार्च, 2017 कर दी गई है. जनवरी में ईपीएफओ ने जीवन प्रमाण पत्र कार्यक्रम के तहत इसे जमा कराने की तारीख बढ़ाकर 28 फरवरी की थी. पेंशनभोगियों की सुगमता के लिए यह कदम उठाया गया था.

क्यों किया सरकार ने ये फैसला

सरकार ने यह फैसला आधार एक्ट-2016 की धारा-7 के तहत किया है. इसके तहत किसी भी सरकारी सब्सिडी और लाभ के लिए आधार नंबर को अनिवार्य कर दिया गया है.

इम्‍प्‍लॉइज पेंशन स्‍कीम के तहत केंद्र सरकार कर्मचारी के बेसि‍क वेतन का 1.16 फीसदी योगदान देती है जबकि 8.33 फीसदी इम्‍प्‍लॉयर हर महीने जमा करता है. सरकार इस ईपीएफओ पर सब्सिडी देती है और इसी के तहत इसे भी आधार से जोड़ने को कहा गया है.

इससे पहले पिछले साल नवंबर में ईपीएफओ ने अंतिम तारीख को बढ़ाकर 15 जनवरी, 2017 किया था, जिससे नोटबंदी से प्रभावित पेंशनभोगियांे को राहत मिल सके. एक और विस्तार इस साल जनवरी में दिया गया क्यांेकि डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के लिए भी आधार जरूरी है.

ईपीएफओ ने जीवन प्रमाणपत्र दस्तावेजी रूप में बैंकों के जरिये स्वीकार करने की व्यवस्था समाप्त कर दी है. पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र डिजिटल तरीके से या तो अपने मोबाइल फोन या साझा सेवा केंद्रों या ऐसी सुविधा प्रदान करने वाली बैंक शाखाओं के जरिये देना होगा.

ईपीएफओ ने सभी पेंशनभोगियों और अंशधारकों को आधार या पंजीकरण संख्या 31 मार्च, 2017 तक उपलब्ध कराने को कहा है. इससे पहले आधार नबंर जमा करने की आखिरी तारीख 28 फरवरी थी, जिसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है. इसके लिए ईपीएफओ ने अपने 120 क्षेत्रीय कार्यालयों से इस बारे में नियोक्ताओं के जरिए अंशधारकों और पेंशनभोगियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा है. ताकि हर अंशधारकों और पेंशकभोगियों तक ये जानकारी पहुंच सके और वो तय समयसीमा के भीरत अपना आधार नंबर जमा करवा सके. courtsay-ABPnews

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