पाकिस्तान में मोदी के भाषण के बाद अत्याचार

मोदी ते पीओके और बलूचिस्तान पर बयान के बाद पाकिस्तान में आंदोलनकारियों की मुसीबत बढ़ गई है.  पाकिस्तान सरकार सीधे नागरिकों के दमन पर उतर आई है. सरकार ने एलान किया है कि वो पीओके शासित प्रदेश गिलगित में विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ  आतंकवाद निरोधी कानून के तहत कार्रवाई करेगी. यह कहना है यहां के योजना, सुधार एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल का। उन्होंने कहा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ आतंक निरोधी कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी. 

गिलगित-बाल्टिस्तान नेशनल कांग्रेस के निदेशक सेंजे हसन सेरिंग ने इसकी जानकारी दी. अहसान इकबाल के हवाले से सेरिंग ने ट्वीट किया, ‘गिलगित बाल्टिस्तान में सीपीईसी का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ आतंकवाद निरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी : पाकिस्तानी मंत्री इकबाल. ’    हाल के महीनों में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के गिलगित-बाल्टिस्तान में सीपीईसी के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिले. सीपीईसी का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कड़ी कार्रवाई भी की. साथ ही शीर्ष राजनीतिक कार्यकर्ता बाबा जान समेत 500 से ज्यादा युवा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया.पाकिस्तान के उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ भी गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया. गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों का कहना है कि सीपीईसी के जरिए उनके क्षेत्र के जल संसाधनों का दोहन किया जाएगा, जिसका फायदा सिर्फ पाकिस्तान को ही होगा. स्थानीय जनता को मायूसी झेलनी पड़ेगी। इसके अलावा ये लोग इस बात को लेकर भी बेहद चिंतित हैं कि सीपीईसी से क्षेत्र में चीन का वर्चस्व बढे़गा. गिलगित-बाल्टिस्तान का नेतृत्व भी इस विवादित गलियारे का विरोध कर रहा है।