बिटकॉइन में भारत के लोगों के सैकड़ों करोड़ फंसे, अनगिनत अकाउंट ब्लॉक

नई दिल्ली : दुनिया भर में भले ही बिटकॉइन का भविष्य कोई नही जानता लेकिन भारत में ये बेहद अधेरे में है. हालात ये हैं कि बिटकॉइन के इनवेस्टर के सैकड़ों करोड़ रुपये फंस गए है.  आयकर विभाग के छापे के बाद दो दिन से हैदराबाद की बिटकॉइन वाली कंपनी की वेबसाइट बंद है और  इन्वेस्टर्स के अकाउंट ब्लॉक हो चुके हैं. साइट के संचालक ने फिलहाल 24 घंटे में सुधार का दावा किया है लेकिन कोई नहीं जानता कि होगा क्या.

इस बीच दिल्ली के 15 लोगों ने इकॉनमिक ऑफेंस विंग में शिकायत की है. बड़ी संख्या में बिटकॉइन के मालिक वाट्सएप ग्रुप बना रहे हैं और आगे की कार्रवाई पर योजना बना रहे है.

सारा अनिश्चय देश में बिटकॉइन की खरीद-फरोख्त करवाने वाली कंपनियों पर इनकम टैक्स विभाग के छापों के बाद खड़ा हुआ. इसके बाद बिटकॉइन के लाखों अकाऊंट एक साथ बंद हो गए. ऐसे में बिटकॉइन खरीद चुके लोगों का डिजिटल वॉलेट भी ब्लॉक हो गया है.

बताया जा रहा है कि ऐसे लोगों के करोड़ों रुपये इसमें फंसे हैं. दिल्ली रोहिणी के मंदिर मार्ग स्थित इकॉनमिक ऑफेंस विंग में दिल्ली के 15 लोगों ने इस संबंध में शिकायत भी दर्ज करवाई है. इन लोगों ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा रुपये बिटकॉइन में इन्वेस्ट कर रखे हैं. पता चला है कि हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) की कंपनी ने 15 दिन पहले से ही अपने कई उपभोक्ताओं के अकाउंट ब्लॉक कर दिए थे. हालांकि कंपनी के मालिक ने 24 घंटे में स्थिति सामान्य होने की बात कही है.

गाजियाबाद के रहने वाले अनुज ने भी हैदराबाद (आंध्र प्रदेश) की कंपनी से बिटकॉइन लिए थे. उन्होंने बताया कि उनके डिजिटल वॉलेट में करीब छह लाख अस्सी हजार रुपये कीमत के बिटकॉइन थे. इसमें उन्होने 9 दिसंबर को 3 लाख 80 हजार रुपये के बिटकॉइन बेच कर अपने खाते में रुपये ट्रांसफर करने चाहे तो रुपये नहीं आए. इसके बाद उन्होंने वेबसाइट को चेक किया तो वह भी बंद मिली. इसके बाद उन्होंने अपने साथियों से इस बारे में चर्चा की.

दो साल में 7 हजार से 14 लाख 

बिटकॉइन में रुपये लगाने वाले लोगों ने बताया कि दो साल पहले एक बिटकॉइन की महज 7 हजार रुपये का था. नोटबंदी के बाद इसकी कीमत अचानक से 36-45 हजार रुपये तक पहुंच गई. इस साल सितंबर में इसकी कीमत 5 लाख, अक्टूबर में साढ़े नौ लाख और नवंबर के बाद से कीमत 14 लाख रुपये प्रति बिटकॉइन पहुंच गई. कई लोगों ने इससे लाखों की कमाई भी की है.

नोटबंदी के बाद आयकर विभाग की रडार पर आए

आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद से बिटकॉइन की कीमत जिस तरह से बढ़ी है. इससे शक है कि कई लोगों ने अपनी ब्लैकमनी इसमें लगाई होगी. जिन लोगों की जानकारी मिल रही है, वहां छापेमारी कर जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि बिटकॉइन इंडिया में लीगल नहीं है.

वो सब जो आप जानना चाहते हैं

– एक्सपर्ट ने बताया कि बिटकॉइन एक प्रकार की वर्चुअल करंसी है. हालांकि भारत में इसे करंसी नहीं, कमोडिटी की तरह मानकर इन्वेस्टमेंट की जाती रही है.

– भारत में 10 कंपनियों के माध्यम से लोग इसकी खरीद-फरोख्त की जाती है. यह कंपनियां अकाउंट खोलने के साथ लोगों को बिटकॉइन का एक ई-वॉलेट भी देती हैं. यह सिस्टम बिल्कुल शेयर मार्केट की तरह सेल-पर्चेस करता है.

– बिटकॉइन को बेचने के बाद मिलने वाले रुपये सीधे अकाउंट होल्डर के खाते में जाते हैं. इसके बाद वह दोबारा भी यह कॉइन खरीद सकता हैं.

– विश्व में 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन की सेल ही हो सकती है. इसमें डिमांड के बढ़ने के साथ ही इसके रेट भी बढ़ जाते हैं.

– बिटकॉइन की शुरुआत सातोषी नाकामोतो ने की थी. बिटकॉइन में 500 रुपये से करोड़ों रुपये का इन्वेस्टमेंट हो सकता है. एक बिटकॉइन में 10 लाख सातोषी होते हैं. जो लोग महंगे बिटकॉइन नहीं ले सकते वह सातोषी में पैसा लगा सकते हैं.

– चाइना और रशिया में इसकी माइन होने के कारण दोनों की जगहों को बिटकॉइन का गढ़ माना गया है. बिटकॉइन की डिमांड उसकी कीमत तय करती है.