राहुल गांधी को पता चल ही गई अंदर की बात, मोदी और योगी ने की थी रोकने की पूरी कोशिश


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सहारनपुर: योगी सरकार ने यहां के शब्बीरपुर गांव जाने से राहुल गांधी को रोकने की हर कोशिश की लेकिन  शब्बीरपुर गांव की हिंसा से पीडि़त परिवार के लोगों से मिल ही लिए. सरकार की कोशिश थी कि राहुल गांधी वो पीड़ितों से न मिल पाएं. लेकिन सहारनपुर के सरसावा बार्डर पर पीडि़त परिवार के लोगों से मिले.

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सरकार ने जाने की अनुमति ही नहीं दी. इसके बावजूद वो बावजूद आखिरकार यूपी सीमा तक पहुंच गए और वहां स्थित पंजाब-हिमाचल ढाबे पर हिंसाग्रस्त शब्बीरपुर गांव के कुछ पीडितों से मिले. उन्होंने करीब पन्द्रह मिनट तक पीड़ितों से बात की राहुल गांधी ने बताया कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार दलितों पर अत्याचार के लिए जिम्मेदार है. राहुल ने कहा कि सरकार की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के कारण ही हिंसा बढ़ी. राहुल ने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था बदहाल.

वह पीडि़तों से मिलने सहारनपुर जा रहे थे लेकिन शासन-प्रशासन ने हिटलरशाही रवैया अपनाया और उन्हें घायलों तक से नहीं मिलने दिया. राहुल ने कहा कि वह शब्बीरपुर के कुछ पीडि़तों से मिले हैं और उनके दर्द को समझा है. पीडि़तों ने भी उनसे यही कहा है कि यह सब पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण हुआ है. राहुल गांधी ने योगी के साथ ही मोदी सरकार पर भी निशाना साधा. राहुल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भी हिंसा की आग में जल रहा है और इसका फायदा पाकिस्तान को हो रहा है.

राहुल ने कहा कि सहारनपुर जाना चाह रहा था,मुझे जाने नही दिया गया,वो मुझे यूपी बॉर्डर पर रोके थे मै उठ के यहा आ गया. मुझे एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा इसलिए मैं वापस जा रहा हुं,जैसे ही यहा समस्या ठीक होगी वो मुझे गांव में ले जाएंगे.

मोदी सरकार हिंसा रोक पाने में विफल साबित हो रही है. उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर ही भाजपा की सरकार बनी लेकिन आज ऐसा कोई शहर नहीं बचा है जहां अपराध न बढ़े हों. दोपहर करीब साढ़े तीन बजे राहुल गांधी सड़क मार्ग से ही दिल्ली लौट गए.

कड़ी सुरक्षा के बीच राहुल गांधी यमुना पुल से करीब आधा किलोमीटर पैदल ढाबे तक आए और वापस भी आधा किलोमीटर पैदल गए. उनके साथ राजबब्बर व गुलाम नबी आजाद समेत कई नेता थे. राहुल के वापस जाने के बाद पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने भी राहत की सांस ली. सड़कों से बैरियर हटाकर यातायात सामान्य कर दिया गया है.

नई दिल्ली से सड़क मार्ग से जिले के शब्बीरपुर गांव जाने की तैयारी में निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष को जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली. इसके बाद निजी विमान से आने का इरादा टालकर राहुल गांधी सड़क मार्ग से सहारनपुर की सीमा पर पहुंचे. उनको सहारनपुर में प्रवेश करने से रोकने के लिए जिले की सीमा को चारों ओर से सील कर दिया गया था. कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहारनपुर पहुंंचे. उनके साथ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर तथा प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी थे. प्रशासन ने उनको प्रवेश के रोकने के लिए सहारनपुर की सीमा को ही सील कर दिया था.

राहुल गांधी को पुलिस ने सहारनपुर नहीं जाने दिया, इसी कारण उन्होंने पीडि़त परिवार से बॉर्डर पर ही मुलाकात की. राहुल को सरसवा इलाके में रोका गया. वहां पर यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आदित्य मिश्रा समेत भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे. इसके बाद भी राहुल गांधी  हिंसाग्रस्त इलाके के दौरे को लेकर अड़े हुए थे. वह सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पैदल ही रवाना हो गए. वहां से वह सरसावा पहुंच गए और पीडि़त परिवारों से मिले. प्रशासन की रोक के बावजूद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहारनपुर पहुंच गए. हालांकि वहां प्रवेश को लेकर पुलिस अधिकारियों से उनकी बहस भी हुई. राहुल गांधी के साथ गुलाम नबी आजाद और राज बब्‍बर समेत कांग्रेस के कई नेता हैं. वह हरियाणा होते हुए सहारनपुर पहुंचे हैं.

इससे पहले कहा जा रहा था कि हिंसा वाले क्षेत्र में बिना अनुमति आ रहे राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश की सीमा के आगे नहीं जाने दिया जाएगा. पुलिस प्रशासन से कांग्रेस नेताओं इमरान मसूद व शशि बालिया की हुई बातचीत के बाद तय हुआ था कि यमुनानगर में यमुना पुल पार करते ही उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित पंजाब-हिमाचल ढाबे पर राहुल गांधी रुकेंगे और करीब दस मिनट तक हिंसाग्रस्त शब्बीरपुर के तीन-चार लोगों से बातचीत करने के बाद लौट जाएंगे.

शब्बीरपुर गांव से जो लोग ढाबे पर राहुल से मिलने पहुंचे हैं उनमें 23 मई की हिंसा में मारे गए सुआखेड़ी निवासी आशीष के ताऊ पहल सिंह व शब्बीरपुर से नीटू यहां पहुंचे हैं. हिंसा के दोरान नीटू का घर फूंक दिया गया था. इसके अलावा अग्नि भाष्कर, सेठपाल व एक अन्य शामिल है. डीएम प्रमोद कुमार ने इसकी पुष्टि की है.

एडीजी कानून-व्यवस्था आदित्य मिश्रा ने साफ कहा है कि अगर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सहारनपुर में बिना अनुमति के प्रवेश किया तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगा. श्री मिश्रा ने कहा कि अगर राहुल गांधी आज सहारनपुर आने के अपने निर्णय से पीछे नहीं हटे तो हम यहां पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर बाध्य होंगे.

दूसरी ओर डीएम प्रमोद कुमार पांडेय व एसएसपी बबलू कुमार ने स्पष्ट किया है कि हिंसा प्रभावित इलाके में किसी को जाने की इजाजत नहीं दी गई है. अनुमति के बिना वहां जाने पर कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों का मानना है कि प्रभावित इलाकों में नेताओं के जाने से हालात फिर बिगड़ सकते हैं. राहुल गांधी को रोकने के लिए उप्र-हरियाणा सीमा पर नाकेबंदी की गई हैं.

पुलिस के अनुसार शुक्रवार की देर रात सूचना मिली कि राहुल गांधी दिल्ली में अपने आवास पर नही है, इसलिए उनके मोटर साइकिल या अन्य किसी वाहन से शब्बीरपुर आने की सूचना पर पूरी रात जनपद की सड़कों की नाकेबंदी कर तलाशी अभियान चलाया गया. हालांकि वे रात में नहीं आए.

महाराणा प्रताप जयंती के उपलक्ष्य में शोभायात्रा को लेकर पांच मई को शब्बीरपुर गांव में दलित-ठाकुरों में संघर्ष हो गया था. इसके बाद शुरू हुई सियासत में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, रालोद के महासचिव जयंत चौधरी सहित कई लोग पहुंचे. 23 मई को बसपा सुप्रीमो मायावती गांव पहुंची थी. उनकी सभा से पहले और बाद में भड़की हिंसा में दलित युवक की मौत हो गई. इसके बाद शासन ने शब्बीरपुर में किसी भी बाहरी व राजनीतिक दल के जाने पर रोक लगा दी है.

कांग्रेसियों ने अचानक जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यक्रम की अनुमति मांगी तो प्रशासनिक महकमे में भी हड़कंप मच गया. हालांकि प्रशासन ने सहारनपुर दौरे की अनुमति को खारिज कर दिया है. बावजूद इसके कांग्रेसियों का दावा है कि हर हाल में राहुल गांधी सहारनपुर आएंगे. भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण की गिरफतारी तक जिले में इंटरनेट सेवा भी बंद है.